लखनऊ: KGMU ट्रामा सेंटर में डॉक्टरों ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। उन्होंने 130 किलो के एक ऐसे मरीज की जान बचाई, जो हृदय रोग और सांस लेने की गंभीर समस्या से जूझ रहा था।
चुनौती भरा मामला:
मरीज की हालत बेहद नाजुक थी। उसे हृदय की गंभीर बीमारी (HCM) थी, जिसकी वजह से उसकी हृदय की मांसपेशियां असामान्य रूप से मोटी हो गई थीं। इसके साथ ही उसे सांस लेने में भी दिक्कत थी और वह शॉक में था। डॉक्टरों के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि मरीज का वजन 130 किलो से भी ज्यादा था, जिसकी वजह से इलाज और भी मुश्किल हो रहा था।
आईसीयू में संघर्ष:
मरीज को पहले KGMU के हृदय रोग विभाग में भर्ती कराया गया, फिर उसे ट्रामा सेंटर के आईसीयू में ले जाया गया। यहां उसे वेंटिलेटर पर रखा गया और लगातार इलाज किया गया। डॉक्टरों ने छह दिनों तक वेंटिलेटर पर और कई दिनों तक अन्य सपोर्ट पर रखकर उसकी स्थिति को धीरे-धीरे सुधारा।
टीम वर्क की सफलता:
इस मुश्किल मामले में डॉक्टरों की टीम ने हार नहीं मानी और लगातार प्रयास करते रहे। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और मरीज की हालत में सुधार हुआ। 17 फरवरी को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
कुलपति ने दी बधाई:
KGMU की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने डॉक्टरों की टीम को इस सफलता के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह डॉक्टरों की मेहनत और टीम वर्क का नतीजा है।
डॉक्टरों का समर्पण:
इस चुनौतीपूर्ण मामले में डॉक्टरों की सफलता ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि KGMU के डॉक्टर मरीजों की जान बचाने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।
रिपोर्ट- पवन सिंह चौहान