ग्वालियर: कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को यहां कहा कि ”जिस संस्कृति में हमारे बुजुर्ग अपना जीवन व्यतीत करते थे, वही संस्कृति आज खतरे में है। भाषा के आधार पर धर्म के आधार पर देश को बांटा जा रहा है। संत रविदास की जयंती पर ग्वालियर में आयोजित कार्यक्रम में कमलनाथ ने कहा, ‘संत रविदास के गुरु कबीर दास थे, उनकी जयंती पर हमें उनका संदेश याद रखना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि व्यक्ति छोटा या बड़ा जन्म नहीं होता, बल्कि अपने कर्म से होता है। संत रविदास ने सामाजिक न्याय का संदेश दिया था, समाज को एक रखने का संदेश दिया था।
कमलनाथ ने कहा, “जिस संस्कृति में हमारे बुजुर्ग अपना जीवन व्यतीत करते थे, वह आज खतरे में है। भाषा और धर्म के आधार पर देश का बांटा जा रहा है। लोकतंत्र में चुनाव आते रहते हैं, लेकिन सात महीने बाद होने वाले चुनाव में, किसी उम्मीदवार या पार्टी की जीत हार का सवाल नहीं है, यह हमारे देश के भविष्य का सवाल है। आज संत रविदास जयंती के अवसर पर आइए हम इस संस्कृति की रक्षा का संकल्प लें।”
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कमलनाथ ने कहा, ”आज पूज्य रविदास की जयंती पर हम संकल्प लें कि हम इस संस्कृति के रक्षक बनेंगे। बाबासाहेब अंबेडकर ने देश को ऐसा संविधान दिया, जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है, कई देशों ने भी हमारे संविधान का पालन किया है। लेकिन अगर यह संविधान गलत हाथों में चला गया तो देश का भविष्य क्या होगा? आज हमें सोचना होगा कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को कैसा राज्य और देश सौंपना चाहते हैं?”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से कहा, “आइए हम संकल्प लें कि आज हमारा पहला लक्ष्य कोई पार्टी नहीं, कोई उम्मीदवार नहीं है, बल्कि अपनी संस्कृति और अपने संविधान की रक्षा करना है। धर्म के नाम पर लोगों को बांटा जा रहा है।” हम सब जातियों के नाम पर आपस में बंटे जा रहे हैं, लेकिन हम यदि एकजुट रहेंगे तो एकता की आवाज में बहुत ताकत होती है।”
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