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‘कड़वा सच‘ के लिए सिब्बल की घेराबंदी

kapil sibbal

लखनऊः कंाग्रेस का जनाधार धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। जिन प्रदेषों में उनकी सरकार रही, वहां अब उसकी नाम मात्र की ही सीटें बची हैं। इसका आभास दिग्गज कंाग्रेेसी नेता कपिल सिब्बल को भी हो गया है, लेकिन अब यही बात सिब्बल को भारी पड़ रहा है। उन्होंने अपने और मीडिया के लोगों के बीच बिहार चुनाव में पराजय को लेकर कांग्रेस नेेतृत्व पर सवाल उठा दिए तो इसके विरोध में सोनिया गांधी के सिपहसालारों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मतलब यही है कि सोनिया गांधी के सम्मान में, विषेष समिति मैदान में। इस समिति में वही लोग षामिल हैं जो सोनिया गांधी के सबसे विष्वस्त हैं।

बिहार चुनाव और मध्य प्रदेश उपचुनाव में पराजय के बाद कांग्रेस में घमासान थम नहीं रहा है। कपिल सिब्बल और अन्य नेताओं द्वारा पार्टी नेतृत्व में बदलाव की मांग के बाद तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। कपिल सिब्बल कभी सोनिया और राहुल गांधी के काफी करीबी माने जाते रहे हैं। उनको एक चुनाव के दौरान यूपी की जिम्मेदारी भी दी जा चुकी है। इस समय वह बिहार चुनाव में मिली करारी हार को लेकर काफी खफा हैं। उनका गुस्सा सातवें आसमान पर है। उन्होंने पिछले सोमवार को ही एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में कहा था कि जनता कांग्रेस को मजबूत विकल्प के तौर पर नहीं देख रही है।

कांग्रेस ने न सिर्फ बिहार चुनाव बल्कि देश के अन्य राज्यों में हुए उपचुनावों को भी गंभीरता से नहीं लिया। बता दें कि अगस्त के पहले कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद समेत 22 बड़े नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें कांग्रेस में आत्ममंथन और बदलाव की बात कही गई थी। इस चिट्ठी के सार्वजनिक होने के बाद पार्टी के भीतर बवाल खड़ा हो गया था।

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कपिल सिब्बल की बातों के बाद गठित छह सदस्यीय समिति ने कहा कि वह लोग जो गांधी परिवार की आलोचना करते हैं, किसी और पार्टी में चले जाएं या फिर अपनी पार्टी बना लें। इषारा साफ है कि यह बात सिब्बल के लिए ही कही गई है। सोमवार को कपिल सिब्बल का बयान आया और मंगलवार शाम को पार्टी की गठित विशेष समिति की बैठक हुई। अब पार्टी कह रही है कि वर्तमान स्थिति को लेकर चर्चा करने के लिए यह बैठक आयोजित की गई थी। इसमें सिब्बल कोई विषय नहीं थे। एके एंटनी, रणदीप सुरजेवाला और मुकुल वासनिक की बैठक में मौजूदगी रही। कपिल सिब्बल द्वारा पार्टी नेतृत्व को लेकर उठाए गए सवालों के खिलाफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में अधीर रंजन चैधरी, सलमान खुर्शीद, राजीव शुक्ला और मणिक्कम टैगोर खुलकर सामने आए हैं।