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जस्टिस एन.वी. रमन्ना बने भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश, जानिए उनके बारे में सबकुछ

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नई दिल्लीः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन में जस्टिस एन.वी. रमन्ना को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। राष्टपति कोविंद ने बीते 06 अप्रैल को जस्टिस रमन्ना की नियुक्ति को मंजूरी दी थी। इस मौके पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद भी राष्ट्रपति भवन में मौजूद रहे।

इसके साथ ही वह देश के 48वें मुख्य न्यायाधीश बन गये। उन्होंने पूर्व चीफ जस्टिस एसए बोबडे का स्थान लिया है। बोबडे का कार्यकाल 23 अप्रैल को समाप्त हुआ था।

कौन हैं जस्टिस रमन्ना? 
जस्टिस रमन्ना का जन्म 27 अगस्त 1957 को आंध्र प्रदेश में एक किसान परिवार में हुआ था। नातुलापति वेंकट रमन्ना ने विज्ञान और कानून में स्नातक की उपाधि हासिल की। रमन्ना ने 10 फरवरी, 1983 को वकील के रूप में न्यायिक करियर शुरू किया। इसके बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट, केंद्रीय प्रशासनिक ट्राइब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। 27 जून 2000 को वो आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश नियुक्त हुए। उन्होंने 10 मार्च 2013 से 20 मई 2013 तक आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर काम किया। न्यायाधीश रमन्ना को 2 सितंबर, 2013 में दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत किया गया।

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जस्टिस रमन्ना को 17 फरवरी, 2014 को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया। यहां उन्होंने कई चर्चित और अहम मुकदमों की सुनवाई करने वाली पीठ की अगुआई की या फिर पीठ के सदस्य रहे। जस्टिस रमन्ना को संवैधानिक, आपराधिक और इंटर-स्टेट नदी जल बंटवारे के कानूनों का खास जानकार माना जाता है।