कोलकाता: पुरुलिया जिले में झालदा नगर पालिका मामले को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में एक बार फिर पश्चिम बंगाल सरकार को निराशा हाथ लगी है। बुधवार को अदालत ने झालदा नगरपालिका के कांग्रेस पार्षद पिंटू चंद के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का आदेश दिया। जस्टिस राजशेखर मांथा की सिंगल बेंच ने साफ किया कि इस एफआईआर को अविलंब रद्द किया जाए।
कुछ महीने पहले कांग्रेस पार्षद पिंटू चंद ने झालदा नगरपालिका अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। उसके बाद एक पुराने मामले में गवाह के तौर पर उसे थाने बुलाने की प्रक्रिया शुरू की गई। उन्हें हर दिन नोटिस भेजा जाता था जिसके बाद वह हाजिर नहीं होते थे। बाद में पुलिस ने पिंटू चंद को भगोड़ा घोषित करते हुए पुरुलिया कोर्ट में अर्जी दाखिल कर उसे गिरफ्तार करने की अनुमति मांगी। इसके खिलाफ पिंटू ने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसी मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का आदेश दिया था।
यह भी पढ़ें-दिल्ली NCR में बड़े हमले की फिराक में खालिस्तानी स्लीपर सेल,…
बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान झालदा थाना प्रभारी कोर्ट में मौजूद रहे। उन्होंने दावा किया कि पिंटू के पास से पटाखे बरामद हुए हैं। इस पर कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कर दिया है कि जिस मामले में आप पिंटू से प्राथमिकी दर्ज कर पटाखे बरामद करने की बात कर रहे हैं, उस दिन वह सीबीआई कार्यालय में थे और वह पूछताछ की जा रही थी। उन्हें कांग्रेस पार्षद तपन कुंडू हत्याकांड में पूछताछ के लिए सीबीआई कार्यालय बुलाया गया था। इसके बाद थाना प्रभारी जवाब नहीं दे पाए, जिसके तुरंत बाद कोर्ट ने कहा कि एफआईआर को तुरंत रद्द किया जाए। उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने पिंटू चंद की गिरफ्तारी पर पहले ही रोक लगा दी थी।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)