पटना : मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा मंगलवार को राज्यपाल फागू चौहान को सौंपने के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ राजभवन पहुंचकर नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। दोनों नेता एक कार में बैठकर राजभवन पहुंचे। उनके अलावा जदयू नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, विजय कुमार चौधरी, श्रवण कुमार समेत अन्य नेता भी मौजूद थे।
इससे पहले नीतीश कुमार ने राज्यपाल से अपना इस्तीफा सौंपने के लिए मुलाकात की और फिर सीधे तेजस्वी यादव और महागठबंधन के अन्य नेताओं से मिलने राबड़ी देवी के आवास 10 सकरुलर रोड पहुंचे। इसके बाद नीतीश कुमार तेजस्वी यादव, कांग्रेस के राज्य प्रभारी भक्त चरण दास और महागठबंधन के अन्य नेताओं के साथ 1 ऐनी मार्ग स्थित अपने आधिकारिक आवास पर लौट आए। महागठबंधन के नेताओं की एक बैठक 1 ऐनी मार्ग में हुई, जहां सभा ने नीतीश कुमार को विधानसभा में एक नेता के रूप में चुना, जिससे मुख्यमंत्री के रूप में उनकी वापसी का मार्ग प्रशस्त हुआ।
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इन सभी घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार की जनता और भाजपा को नीतीश कुमार ने धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि 2017 से और अब क्या अंतर आया, नीतीश कुमार इसका जवाब दें। संजय जायसवाल ने कहा कि 2020 में एनडीए के तहत मिलकर चुनाव लड़ा। कम सीट जीतने के बाद भी भाजपा ने पीएम मोदी के कहने पर नीतीश कुमार को सीएम बनाया। नीतीश कुमार ने 2017 में गठबंधन तोड़ने का अफसोस भी जताया था। वहीं, लोजपा रामविलास पार्टी के अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान ने कहा कि आज नीतीश कुमार की क्रेडिबिलिटी शून्य है। हम चाहते हैं कि बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू हो और राज्य को नए सिरे से जनादेश मिले।नीतीश कुमार की कोई विचारधारा नहीं अगले चुनाव में जदयू को शून्य सीटें मिलेंगी।
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