नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज़ जावेद मियांदाद (Javed Miandad) एक बार फिर भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला। साथ ही भारतीय क्रिकेट को भी भला बुरा कहा। जावेद मियांदाद कहा है कि पाकिस्तान को इस साल होने वाले आईसीसी विश्व कप सहित अन्य मुकाबलों के लिए तब तक पड़ोसी देश में नहीं जाना चाहिए जब तक कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) अपनी टीम को पहले उनके देश भेजने के लिए राजी नहीं होता।
हमें कोई फर्क नहीं पड़ता
मियांदाद (Javed Miandad) ने कहा, ‘पाकिस्तान का क्रिकेट बड़ा है… हम अभी भी गुणवत्ता वाले खिलाड़ी पैदा कर रहे हैं। इसलिए मुझे नहीं लगता कि अगर हम भारत नहीं जाते हैं तो इससे हमें कोई फर्क पड़ेगा। टीम इंडिया का आखिरी बार वनडे एशिया कप 2008 में पाकिस्तान का दौरा किया था। तब से दोनों देशों के बीच भू-राजनीतिक तनाव के कारण द्विपक्षीय क्रिकेट संबंधों को निलंबित कर दिया गया है।
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मियांदाद का मानना है कि खेल को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैंने हमेशा कहा है कि कोई अपना पड़ोसी नहीं चुन सकता, इसलिए एक-दूसरे के सहयोग से रहना बेहतर है। मैंने हमेशा कहा है कि क्रिकेट एक ऐसा खेल है जो लोगों को करीब लाता है और देशों के बीच गलतफहमियों और शिकायतों को दूर कर सकता है।
15 अक्टूबर को होगा भारत-पाक का महामुकाबला
बता दें कि आईसीसी द्वारा जारी वनडे विश्व कप 2023 कार्यक्रम के अनुसार भारत-पाकिस्तान के बीच महामुकाबला 15 अक्टूबर को अहमदबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा। हालांकि पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मियांदाद का मानना है कि अब भारत की बारी है कि वह पाकिस्तान का दौरा करें।
हाल ही में मीडिया से बात करते हुए मियांदाद ने कहा, ‘पाकिस्तान 2012 में और 2016 में भी भारत गया और अब यहां भारतीयों के आने की बारी है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर मुझे फैसला करना होता तो मैं कभी कोई मैच खेलने भारत नहीं जाता, विश्व कप भी नहीं। हम भारत के साथ खेलने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं लेकिन वे कभी भी इस तरह की प्रतिक्रिया नहीं देते।
एशिया कप के सभी मैच श्रीलंका में खेलेगा भारत
मियांदाद की यह प्रतिक्रिया उस समय आई है जब पाकिस्तान को आगामी एशिया कप की मेजबानी ‘हाइब्रिड मॉडल’ के तहत करने को बाध्य होना पड़ रहा है जिसमें भारत अपने सभी मुकाबले श्रीलंका में खेलेगा। भारत के मुखर आलोचक रहे मियांदाद इस फैसले से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘ऐसा माना जा रहा था कि वे एक बार भी अपनी टीम को एशिया कप के लिए पाकिस्तान नहीं भेजेंगे, इसलिए अब समय आ गया है कि हम भी कड़ा रुख अपनाएं।’
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