चंडीगढ़ः सरबत खालसा के माध्यम से गठित अकाल तख्त साहिब के मुतवाजी जत्थेदार ध्यान सिंह मंड (Jathedar Dhyan Singh) आज अपनी टकसाली सेना के साथ दरबार साहिब पहुंचे। इस अवसर पर संगरूर के पूर्व सांसद एवं अकाली दल अमृतसर के अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान, फरीदकोट के सांसद सरबजीत सिंह खालसा और खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह के परिवार भी मौजूद रहे।
पंजाब की जनता ने स्वीकारी खालिस्तानी विचारधारा
मंड ने कहा कि पंजाब के लोगों ने खालिस्तानी विचारधारा को स्वीकार कर लिया है। पंजाब में दो सीटों पर पंथक सांसद चुने गए हैं। यह शिरोमणि अकाली दल बादल के अंत की शुरुआत है। उन्होंने दावा किया कि पंजाब के लोग पंथक विचारधारा से जुड़ेंगे। वर्ष 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पंथक सरकार बनेगी और पंथक विधायक पंजाब विधानसभा में बैठे नजर आएंगे। पंथक विचारधारा के माध्यम से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को बादलों से मुक्त कराने की लड़ाई भी लड़ी जाएगी।
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कांग्रेस को समर्थन न देने का किया ऐलान
इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए फरीदकोट से निर्वाचित निर्दलीय सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने कहा कि राजनीतिक दलों ने मुझसे संपर्क किया है। लेकिन मैं फरीदकोट के लोगों से बात करने के बाद ही कोई फैसला लूंगा। जहां तक कांग्रेस का सवाल है, मेरे पिता बेअंत सिंह ने उन्हीं की वजह से अपनी जान कुर्बान की, मैं उनके साथ जाने के बारे में कैसे सोच सकता हूं। कांग्रेस को समर्थन देने का सवाल ही नहीं उठता।