नई दिल्लीः उत्तर पश्चिमी जिले के जहांगीरपुरी हिंसा मामले में अपराध शाखा ने दो और आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इन दोनों आरोपितों की गिरफ्तारी के साथ जहांगीरपुरी हिंसा मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या 31 पहुंच गई है। पकड़े गए आरोपितों ने हिंसा से पहले जहांगीरपुरी में लोगों को भड़काते हुए तलवारें बांटी थीं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पकड़े गए आरोपितों की पहचान यूनुस और सलीम के रूप में हुई है।
यूनुस सोनू और सलीम चिकना का भाई है। वहीं जहांगीरपुरी हिंसा को अब करीब 20 दिन होने वाले हैं। जहांगीरपुरी में भी माहौल भी धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। पुलिस लगातार गिरफ्तारी कर रही है। पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपित जहांगीरपुरी के रहने वाले हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने हिंसा से पहले लोगों को तलवार बांटी थी, जिससे मामला बड़ा हो सके और हिंसक रूप ले सके।
पुलिस ने यूनुस को रविवार को जहांगीरपुरी से गिरफ्तार किया था, जबकि सलीम को आज जहांगीरपुरी से ही गिरफ्तार किया है। फिलहाल पुलिस की पूछताछ लगातार जारी है और अभी कुछ अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी की जा सकती है।
करीब 20 के मोबाइल फोन बंद
हालांकि इन संदिग्धों में से करीब 20 के मोबाइल फोन घटना के बाद से ही बंद आ रहे हैं और ये अपने-अपने घरों से फरार भी हैं। इतना ही नहीं इनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी करने पर भी इनका कोई सुराग नहीं मिल रहा है। वहीं अबतक की जांच के आधार पर पुलिस ने 50 ऐसे संदिग्ध नंबरों की भी पहचान की है, जिससे घटना के कई राज खुल सकते हैं। ये नंबर अबतक गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नेटवर्क से ही जुड़े बताए जा रहे हैं। इसमें भी खासतौर पर इस मामले के तीन मुख्य तीनो आरोपियों के नेटवर्क से जुड़े बताए गए हैं।
40 जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी
सूत्रों के मुताबिक जहांगीरपुरी हिंसा से जुड़े वीडियो, फोटो, सीसीटीवी फुटेज और लोकल इनपुट और संदिग्धों से पूछताछ के आधार में क्राइम ब्रांच अबतक इन संदिग्धों के खिलफ सुराग एकत्र करने के लिए दिल्ली, यूपी, हरियाणा से लेकर पश्चिम बंगाल तक करीब 40 जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। दरअसल जांच के दौरान यह पता चला है कि शोभा यात्रा पर पथराव शुरू हुआ और हिंसा की घटनाएं हुईं तो उस समय मौके पर ये संदिग्ध मौजूद थे और इन्होंने हिंसा में भूमिका निभाई थी।
ईडी ने भी शुरू की मनी ट्रेल की जांच
उधर दिल्ली पुलिस कमिश्नर द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जांच के लिए पत्र लिखे जाने के बाद मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी गई है। ईडी मुख्य आरोपी अंसार के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई कर रही है। यह जांच की जा रही है कि अंसार के पास हिंसा के लिए कहीं से फंडिंग तो नहीं आई? अगर आई तो उसका श्रोत क्या था ? और रकम आई तो उसने इसका क्या इस्तेमाल किया? इस पूरे मनी ट्रेल (रकम जाने-जाने के पूरे रूट) की जांच कर रही है।
दरअसल, दिल्ली पुलिस कमिनर राकेश अस्थाना ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पत्र लिखकर जहांगीरपुरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी अंसार के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई करने को कहा था
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अबतक क्या हुई कार्रवाई
मामले की जांच में जुटी पुलिस अबतक 31 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि तीन नाबालिगों को बाल सुधार गृह भेजा गया है। वहीं करीब 300 वीडियो फुटेज की जांच कर चुकी है, जबकि 50 की पहचान कर चुकी है। इसमें से कई को तो दबोचा जा चुका है, जबकि कई की तलाश में छापेमारी की जा रही है। पुलिस ने वीडियो फुटेज के जरिये चिन्हित किए गए संदिग्धों की उनके मोबाइल फोन के लोकशन के आधार पर भी उनकी उपस्थिति घटनास्थल के आसपास होने की जानकारी भी जुटा चुकी है।
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