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Jahangirpuri: हिंसा के बाद जहांगीरपुरी में आज हिंदू-मुस्लिम मिलकर निकालेंगे तिरंगा यात्रा, देंगे शांति का संदेश

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नई दिल्लीः दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में भड़की हिंसा के बाद शुक्रवार को हिंदू और मुस्लिम की अमन कमेटी की ओर से यह ऐलान किया गया कि इलाके में भाई चारा कायम रखने के लिए रविवार को एक तिरंगा यात्रा (tiranga yatra) निकाली जाएगी। यह तिरंगा यात्रा शाम 6 बजे निकाली जाएगी, जिसमें कुल 50 लोग दोनों समुदायों की ओर से शामिल होंगे। वहीं पुलिस प्रशासन की ओर से इस यात्रा को इजाजत दे दी गई है, भारी पुलिस बल की मौजूदगी में चिंहित जगहों से यह यात्रा निकाली जाएगी। इस तिरंगा यात्रा में मुस्लिम और हिंदू समुदाय से 25- 25 वरिष्ठ नागरिक शामिल होंगे और वही इस यात्रा को निकालेंगे, वहीं समिति ने यात्रा निकालने के तय रूट की मांग भी की थी।

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यहां से निकलेगी तिरंगा यात्रा

तिरंगा यात्रा (tiranga yatra) जहांगीरपूरी के कुशल चौक से शुरू होते हुए यात्रा बी ब्लॉक जाएगी, फिर बी ब्लॉक से होते हुए बीसी मार्केट जाएगी, फिर वहां से जिस जामा मस्जिद के सामने पथराव हुआ, वहां होते हुए काली मंदिर और उसके आगे जी ब्लॉक तक जाएगी। इसके बाद यात्रा (tiranga yatra) फिर कुशल चौक से होते हुए धोभी घाट होते हुए आजाद चौक पर खत्म हो जाएगी।

दरअसल इलाके में शुक्रवार को संयुक्त रूप से एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई थी, जिसमें दोनों समुदायों के लोग और दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में लोगों ने एक दूसरों को गले भी लगाया ताकि देश में एक संदेश जाए। हिंदू पक्ष की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंद्रमणि तिवारी और मुस्लिम पक्ष की ओर से तबरेज खान ने इस वार्ता को संबोधित किया था। दोनों समुदायों की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि, भविष्य में हम एक दूसरों के त्यौहारों पर स्वागत कर फूल बरसाने का काम भी करेंगे। साथ ही यह भी फैसला लिया गया है कि अब अगर कोई भी राजनीतिक पार्टी से नेता इलाके में आएंगे तो उन्हें गुलाब का फूल देकर वापस लौटाया जाएगा और यह संदेश दिया जाएगा कि आपसी मसला है जिसे खुद हल कर लिया जाएगा।

16 अप्रैल को शोभायात्रा के दौरान हुआ था बवाल

दरअसल जहांगीरपुरी इलाके में 16 तारीख की शाम शोभायात्रा के दौरान बवाल हुआ और गोलियां चल गईं, जिसमें पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हुए। हालांकि बाद में पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी शुरू की और अब तक 25 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। हिंसा के बाद से ही इलाके में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है और भारी पुलिस बल भी तैनात किया है, इस कारण वहां रह रहे लोगों के व्यापार पर भी असर पड़ रहा रहा है। इन्ही सब को देखते हुए दोनो समुदायों के बीच यह फैसला लिया गया।

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