जीवन में लक्ष्य प्राप्ति के लिए मनोबल का उच्च होना बेहद जरूरी

नई दिल्लीः आचार्य चाणक्य एक अत्यन्त ज्ञानी और विद्वान पुरुष थे। उन्हें कूटनीति का सर्वज्ञाता कहा जाता है। इसके अलावा वो राजनीति शास्त्र और अर्थशास्त्र के भी परम ज्ञाता थे। उन्होंने अपनी बुद्धि और कूटनीति से सम्राट अशोक को भारत का सबसे शक्तिशाली सम्राट बनाया। चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में ऐसी बातें बताई हैं जो व्यक्ति के जीवन में बहुत काम आती हैं। चाणक्य नीति व्यक्ति को जीवन में सफल बनने के लिए प्रेरित करती है। चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में मनुष्य के स्वभाव, आदत और आचरण के बारे में भी विस्तार से बताया है, जिस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। आचार्य विष्णुगुप्त चाणक्य वह कर जाते थे जो लोग सोच भी नहीं पाते थे। सिकंदर की सेना को छात्र संगठन के बल पर परास्त कर देना हो। मगध सम्राट की सत्ता को गृह क्लेश से ध्वस्त करना हो। दोनों ही महान सफलताओं में चाणक्य के चिंतन और चतुराईपूर्ण कृत्य की जीत दिखाई पड़ती है।

असंभव को संभव करने वाली सोच और कार्यशैली के धनी चाणक्य ने मनोबल को कभी धीमा नहीं होने दिया। पिता को देश निकाला, मां की मृत्यु से लेकर पग-पग पर संकट और दुख का सामना करने वाले चाणक्य पूरे मनोयोग ये लक्ष्य पाने में जुटे रहते थे। आज के दौर में जब लोग व्यक्तिगत स्वार्थ की पूर्ति न होने पर हताश नजर आने लगते हैं। चाणक्य ने असंख्य लोगों का नेतृत्व करते हुए बड़ी लड़ाई का शंखनाद किया। वे भी प्रारंभिक मोर्चों पर मन मलिन करते तो उनकी सफलता इतिहास में दर्ज न हुई होती। ध्यान रखें, अबोध बालक की तरह मनोत्साह बनाए रखें। बार-बार गिरने और चोट खाने के बावजूद नन्हा बालक चलने की जिद को पूरा कर लेता है।

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शारीरिक कमजोरी, अनुभवहीनता और स्किल लर्निंग प्रोग्राम के बगैर वह चलना सीख लेता है। बड़े प्रयासों में भी यही बात लागू होती है। संसाधन कितना है? लोग कितने हैं? और शिक्षा कितनी है? इन सब बातों से महत्वपूर्ण मनोबल का होना है। इसलिए कहा भी गया है कि मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। मन की शक्ति और मनोबल एक दूसरे के पर्यायवाची हैं। मनोबल मन को शक्तिशाली बनाता है। शक्तिशाली मन मनोबल को उच्चता प्रदान करता है। आपको मनःशक्ति अथवा मनोबल के साथ चलना होता है। दूसरा स्वतः प्राप्त हो जाता है।