लखनऊ: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आम लोगों की शिकायतों के निस्तारण में बाधा बन रहे अधिकारियों पर एक्शन ले लिया है। उन्होंने जनसुनवाई पोर्टल पर जनसमस्याओं के निस्तारण में हीलाहवाली करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, जिस पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने प्रदेश के 73 अफसरों को निशाने पर ले लिया है और नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। संतोषजनक जवाब नहीं देने पर कार्रवाई होना तय है।
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मुख्यमंत्री योगी के पास आम लोगों की शिकायतों के गुणवत्तायुक्त निस्तारण की शासन से लेकर तहसील और थाने स्तर तक की सीक्रेट रिपोर्ट है। सीएम को जनसुनवाई समाधान प्रणाली (आईजीआरएस) और सीएम हेल्पलाइन (1076) में आने वाली आम लोगों की शिकायतों के निस्तारण की हर माह रिपोर्ट दी जा रही है। इसमें जुलाई में मासिक रैंकिंग के आधार पर सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों की रिपोर्ट भी सौंपी गई थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर 10 शासन स्तर के विभागाध्यक्षों, पांच कमिश्नर, 10 डीएम, पांच विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष, पांच नगरायुक्त और 10 तहसीलों को नोटिस जारी किया गया है। ऐसे ही पुलिस महकमे में तीन एडीजी और आईजी, पांच आईजी और डीआईजी, 10 कमिश्नरेट, एसएसपी और एसपी, 10 थानों से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।
जुलाई माह में शासन स्तर पर सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले बॉटम टेन विभागों में नियुक्ति, कार्मिक, आयुष, प्राविधिक शिक्षा, कृषि विपणन, अवस्थापना और औद्योगिक विकास, आवास एवं शहरी नियोजन, व्यवसायिक शिक्षा, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति और पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन है।
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