इसरो ने पीएसएलवी-सी 52 को सफलतापूर्वक किया लॉन्च, पीएम मोदी ने दी बधाई

Sriharikota: India's Polar Satellite Launch Vehicle (PSLV-C49) rocket carrying radar imaging earth observation satellite EOS-01 (formerly RISAT-2BR2) and nine foreign satellites lifted off from the rocket port at Sriharikota in Andhra Pradesh on Nov 7, 2020. (Photo: IANS)

नई दिल्लीः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार सुबह 5.59 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी-सी 52 के जरिये सैटेलाइट ईओएस-04 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। इसके साथ ही दो अन्य छोटे सैटेलाइट्स को भी अंतरिक्ष भेजा गया। साल 2022 में इसरो का पहला प्रक्षेपण अभियान सोमवार को सफल रहा। लॉन्च के साथ ही वहां उपस्थित लोगों ने तालियां बजाकर इसका स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को पीएसएलवी-सी52 मिशन के सफल प्रक्षेपण पर देश के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को हार्दिक बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि “पीएसएलवी-सी52 मिशन के सफल प्रक्षेपण पर हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को बधाई।” अपने बधाई संदेश में आगे उन्होंने कहा कि “ईओएस-04 उपग्रह कृषि, वानिकी और वृक्षारोपण, मिट्टी की नमी और जल विज्ञान के साथ-साथ बाढ़ मानचित्रण के लिए सभी मौसमों में उच्च गुणवत्ता वाली छवियां प्रदान करेगा।”

पीएलएलवी-सी 52 के जरिये धरती पर नजर रखने वाले उपग्रह ईओएस-04 को कक्षा में भेजने के लिए 25 घंटे की उल्टी गिनती रविवार सुबह ही शुरू हो गयी थी। ईओएस-04 एक रडार इमेजिंग सैटेलाइट है जिसे कृषि, वानिकी, वृक्षारोपण, मिट्टी की नमी, जल विज्ञान और बाढ़ मानचित्रण जैसे अनुप्रयोगों की उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने सफल मिशन के लिए टीम इसरो को बधाई देते हुए कहा कि मिशन सफलतापूर्वक पूरा किया गया था। प्राइमेरी सेटेलाइट और को-पैसेंजर सेटेलाइट को कक्षा में स्थातिप किया गया। सैटेलाइट (ईओएस-04) के निदेशक सी.वी.श्रीकांत ने कहा कि उपग्रह व्यवस्थित है और सौर पैनल तैनात किए गए हैं।

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श्रीकांत ने कहा कि कुछ दिनों में ईओएस-04 अपनी तस्वीरें भेजने के लिए तैयार हो जाएगा। अपनी उड़ान में 17 मिनट से भी अधिक समय में रॉकेट ने अपने प्राइमेरी पैसेंजर 1,710 किग्रा ईओएस-04 को 529 किमी की साइनक्रोनॉस पोलर ऑरबिट में स्थापित किया और इसके तुरंत बाद इंस्पायरसैट-1 (17.5 किग्रा) और आईएनएस-2टीडी (8.1 किग्रा) को कक्षा में स्थापित कर दिया गया। भारत के रडार इमेजिंग उपग्रह एडर-04 को कृषि, वानिकी और वृक्षारोपण, मिट्टी की नमी और जल विज्ञान और बाढ़ मानचित्रण जैसे अनुप्रयोगों के लिए सभी मौसम की परिस्थितियों में उच्च गुणवत्ता वाली छवियां प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है।

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