Israel Attack on Syria: फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास द्वारा इजराइल पर किए गए बर्बर हमले के बाद उठ रही युद्ध की आग में गाजा पट्टी समेत कई देश जल रहे हैं। रविवार को गोलान हाइट्स की ओर हुए रॉकेट हमले के जवाब में इजराइली वायुसेना ने रात भर दक्षिणी सीरिया में सैन्य ठिकानों पर बड़ा हमला किया है। जिससे सीरिया के कई सैन्य ठिकाने तबाह हो गए। वहीं, उत्तरी गाजा में इजराइल की जमीनी और वायुसेना का कहर जारी है। आज (सोमवार) तड़के उत्तरी गाजा में कई जगहों पर मिसाइलें और रॉकेट दागे गए। इस बीच रूस ने अपने एक एयरपोर्ट को 6 नवंबर तक के लिए बंद कर दिया है।
गाजा में मरने वालों की संख्या 8,000 के पार
रिपोर्ट की माने तो सीरिया की राजधानी दमिश्क में इजराइल के ताजा हमलों से निपटने की रणनीति तय की जा रही है। इसके अलावा इजराइल ने गाजा पट्टी पर जमीनी हमला न करने की वैश्विक अपील को खारिज कर दिया है। इजराइली सेना लगातार गाजा पट्टी में मौजूद हमास के आतंकी ठिकानों को तबाह कर रही है। हमास-नियंत्रित गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि 7 अक्टूबर से गाजा में मरने वालों की संख्या 8,000 से अधिक हो गई है। इसमें 3,342 बच्चे शामिल हैं।
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रूस ने दागेस्तान हवाईअड्डे को किया बंद
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इजराइली नागरिकों और यहूदियों की तलाश कर रही भीड़ ने रविवार को रूस के काकेशस गणराज्य के दागेस्तान में मुख्य हवाई अड्डे पर कब्जा कर लिया। भीड़ को डर था कि कोई फ्लाइट इजराइल से आ रही है। इस घटना के बाद रूस की विमानन एजेंसी ने कहा है कि भीड़ के हमले के बाद दागेस्तान का मुख्य हवाईअड्डा 6 नवंबर तक बंद रहेगा। उत्तरी इज़राइल के हाइफ़ा में विस्फोट: एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उत्तरी इज़राइल के सबसे बड़े शहर हाइफ़ा में आज सुबह विस्फोट हुआ है। इजराइल डिफेंस फोर्सेज ने कहा कि सीरिया से दागे गए रॉकेट और मिसाइलें खुले इलाकों में गिरीं। इससे कोई नुकसान नहीं होता।
विदेशी नागरिकों को मिस्र नहीं जाने दे रहा हमास
इस युद्ध के बीच व्हाइट हाउस के मुख्य सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा है कि मिस्र गाजा छोड़ने के इच्छुक अमेरिकियों और अन्य विदेशी नागरिकों को रास्ता देने के लिए तैयार है, लेकिन हमास इसमें बाधा डाल रहा है। । हमास इन लोगों को गाजा से बाहर नहीं जाने दे रहा है। वह इसकी मांग कर रहे हैं।
एक अन्य रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गाजा में हमास के पतन के बाद, इज़राइल ने अपने नागरिकों को मिस्र के सिनाई प्रायद्वीप में स्थानांतरित करने की योजना को अंतिम रूप दिया है। इस इलाके पर 1982 से 2000 तक इजराइली सेना का कब्जा था। लेकिन मिस्र ने इजराइल की इस योजना पर कड़ी आपत्ति जताई है।
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