चंडीगढ़ः दिल्ली में चुनाव आयोग द्वारा पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर आहूत प्रेस कान्फ्रेंस से एक घंटे पहले ही पंजाब सरकार ने पुलिस महानिदेशक को बदल दिया है। 1987 बैच के आईपीएस वीरेश कुमार भावरा पंजाब के नए डीजीपी होंगे। पंजाब में सत्ता परिवर्तन के बाद यह तीसरा मौका है, जब डीजीपी को बदला किया गया है। चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद दिनकर गुप्ता को इस पद से हटाकर आईपीएस इकबाल प्रीत सिंह सहोता को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।
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सहोता की नियुक्ति पर सिद्धू ने जताई थी आपत्ति
सहोता की नियुक्ति पर कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने आपत्ति जताई थी। उस समय सिद्धू ने डीजीपी व महाधिवक्ता की नियुक्ति का विरोध करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा तक दे दिया था। वहीं दबाव में आई चन्नी सरकार ने इकबाल प्रीत सिंह सहोता को बदलकर 1986 बैच के आईपीएस एस चट्टोपाध्याय को डीजीपी का प्रभार सौंप दिया। इस बीच सरकार ने आईपीएस अधिकारियों का एक पैनल बनाकर यूपीएससी को भेज दिया। यूपीएससी ने अपने पैनल में आईपीएस दिनकर गुप्ता, वीरेश कुमार भावरा तथा प्रबोध कुमार का नाम शामिल करके पंजाब सरकार को भेजा था।
डीजीपी की रेस में दूसरे नंबर पर थे भावरा
यूपीएससी का यह पत्र चार दिन पहले पंजाब सरकार के पास आ चुका था लेकिन अभी तक सरकार ने इस पैनल में किसी एक का चयन नहीं किया था। आज केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम का ऐलान किए जाने से कुछ घंटे पहले सरकार ने इस बारे में फैसला कर लिया। पैनल में एक नंबर पर मौजूद आईपीएस दिनकर गुप्ता पूर्व अमरिंदर सरकार में डीजीपी के पद पर रह चुके हैं।
वह गृह विभाग को लिखकर दे चुके हैं कि वह डीजीपी बनने के इच्छुक नहीं हैं तथा प्रबोध कुमार ने केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने की अनुमति मांगी हुई है। इसलिए इन दोनों के नाम पर विचार नहीं किया गया। पैनल में दूसरे नंबर पर मौजूद वीरेश कुमार भावरा को पंजाब का डीजीपी नियुक्त कर दिया गया है। भावरा एडीजीपी के तौर पर पंजाब में पिछले विधानसभा चुनाव का प्रभार भी देख चुके हैं।
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