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प्रतापगढ़ की सात विधानसभा सीटों पर होता रहा है दिलचस्प मुकाबला, जानें किस दल को मिलेगी चुनौती

प्रतापगढ़ः प्रतापगढ़ जिले में विधानसभा की सात सीटें है। सभी सीटों पर विधानसभा चुनाव में दिलचस्प मुकाबला होता रहा है। सात विधानसभा सीटों में कुंडा, विश्वनाथगंज और रामपुर खास, बाबागंज, सदर प्रतापगढ़, पट्टी और रानीगंज शामिल हैं। सभी सात विधानसभा सीट अपने आप में महत्वपूर्ण है जहां कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर होगी।

कुंडा विधानसभा सीट है राजा भैया के लिए अहम
कुंडा विधानसभा क्षेत्र सबसे हाई प्रोफाइल सीट है। इसी सीट से जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया चुनाव जीतते हैं। यह सीट राजा भैया के लिए अहम है। बीते तीन दशक से कुंडा विधानसभा पर राजा भैया का राज है। भाजपा और बीएसपी यहां लगातार जोर लगाती है। मगर आज तक कामयाबी हाथ नहीं लगी है। 1993 के बाद से वह लगातार इस सीट पर चुनाव जीत रहे हैं। आज तक उन्हें कोई चुनाव नहीं हरा पाया है। आगामी विधानसभा चुनाव में राजा भैया पहली बार जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी से कुंडा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं।

विश्वनाथगंज विधानसभा सीट पर है सभी दलों की निगाह
विश्वनाथगंज विधानसभा क्षेत्र पर हर चुनाव में मुकाबला दिलचस्प होता है। अभी इस सीट पर अपना दल (एस) का कब्जा है। यहां से आरके वर्मा विधायक है। 2017 के विधानसभा चुनाव में वर्तमान विधायक राकेश कुमार वर्मा को जीत मिली। अपना दल (एस) के साथ उत्तर प्रदेश में भाजपा का गठबंधन है। जबकि विधायक डॉ आर के वर्मा अब साइकिल की सवारी कर चुके है। अभी किसी भी दल ने अपना अधिकृत उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। फिलहाल विश्वनाथगंज विधानसभा सीट पर सभी दलों की निगाह लगी हुई है।

रामपुरखास विधानसभा सीट रही है कांग्रेस का गढ़
प्रतापगढ़ के रामपुर खास विधानसभा क्षेत्र पर 41 साल से कांग्रेस का कब्जा है। कांग्रेस की तरफ से तिवारी परिवार के लोग ही यहां से जीतते आ रहे हैं। 1980 से 2014 तक कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी यहां से विधायक रहे हैं। उनके राज्यसभा जाने के बाद उनकी बेटी आराधना मिश्रा मोना उप चुनाव में विधायक निर्वाचित हुई और 2017 के विधानसभा चुनाव के भाजपा के नागेश प्रताप सिंह को हराकर विधानसभा पहुंची। कांग्रेस के लिए रामपुरखास विधानसभा सीट बहुत खास है क्योंकि यहां चाहे जो लहर रही हो कब्जा कांग्रेस का रहा है। रामपुरखास विधानसभा सीट लगातार कांग्रेस पार्टी का गढ़ रही है।

बाबागंज विधानसभा सीट पर चलता रहा है राजा भैया का सिक्का
बाबागंज विधानसभा सीट निर्दलीय विनोद कुमार विधायक हैं। सरोज कुमार कुंडा विधायक राजा भैया के करीबी हैं। इलाके में कहा जाता है कि राजा भैया अपनी सीट से ज्यादा बाबागंज पर ध्यान देते हैं। एक बार पुनः विनोद सरोज जनसत्तादल लोकतांत्रिक से प्रत्याशी घोषित है। बाबागंज विधानसभा सीट पर राजा भैया का सिक्का चलता रहा है और विनोद सरोज विधायक निर्वाचित होते रहे है यहां किसी भी राजनीतिक दल के लिए सेंधमारी करना टेढ़ी खीर है।

सदर विधानसभा सीट पर लगी है भाजपा और सपा की निगाह
प्रतापगढ़ सदर विधानसभा क्षेत्र के 2017 के चुनाव मे अपना दल एस के उम्मीदवार संगम लाल गुप्ता ने जीत हासिल की थी। वहीं, दूसरे नंबर पर बीएसपी के नागेंद्र सिंह थे। संगम लाल को 80,828 और नागेंद्र सिंह को 46,274 वोट मिले थे। लोकसभा चुनाव में संगमलाल प्रतापगढ़ लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए जहां उप चुनाव में भाजपा-अपना दल गठबंधन से राजकुमार पाल विधायक निर्वाचित हुए। अभी यह तय नहीं हो सका है कि सीट अपना दल के खाते में रहेगी या फिर भाजपा का उम्मीदवार रहेगा। फिलहाल सदर विधानसभा सीट पर भाजपा और सपा दोनों की निगाह लगी है। वही, कांग्रेस ने डॉ नीरज त्रिपाठी को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है।

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पट्टी विधानसभा सीट पर कैबिनेट मंत्री की प्रतिष्ठा होगी दांव पर
पट्टी विधानसभा क्षेत्र भाजपा का अभेद्य किला है। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह यहां से विधायक हैं। ददुआ के भतीजे राम सिंह से कड़ा मुकाबला रहता है। पिछले चुनाव में मोती सिंह को जीत हासिल हुई जबकि समाजवादी पार्टी के राम सिंह पटेल को बहुत ही कम अंतर से चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। वर्तमान विधायक और सरकार में कैबिनेट मंत्री मोती सिंह के लिए यह सीट अहम है।

रानीगंज विधानसभा सीट पर होगी कड़ी टक्कर
नव गठित रानीगंज विधानसभा सीट पर अभी तक दो बार आम चुनाव हुए हैं। 2012 में यहां से सपा ने पहली बार जीत हासिल की थी। 2017 में भाजपा से धीरज ओझा ने जीत हासिल की थी। अभी तक किसी भी पार्टी ने अपना अधिकृत उम्मीदवार रानीगंज विधानसभा क्षेत्र से घोषित नहीं किया है। रानीगंज विधानसभा सीट पर कड़ी टक्कर होना निश्चित है।

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