Thursday, March 20, 2025
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इंडियन नेवी की ताकत में हुआ इजाफा, नौसेना के बेड़े में शामिल हुई INS अरिघात

नई दिल्ली: भारत की परमाणु पनडुब्बी ‘INS अरिघात’ (INS Arighat) गुरुवार को नौसेना (indian navy) में शामिल हो गई। अरिहंत श्रेणी की इस दूसरी पनडुब्बी को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में विशाखापत्तनम में नौसेना में शामिल किया गया। ‘अरिघात’ 750 किलोमीटर की रेंज वाली स्वदेशी ‘के-15 बैलिस्टिक’ (परमाणु) मिसाइल से लैस है। इसका वजन करीब छह हजार टन है। विशेषज्ञों के मुताबिक अरिघात की लंबाई करीब 110 मीटर और चौड़ाई 11 मीटर है।

नौसेना के बेड़े में हुई दो परमाणु पनडुब्बी

नौसेना के बेड़े में आधिकारिक रूप से शामिल होने के बाद अब भारत के पास दो एसएसबीएन परमाणु पनडुब्बी हो गई हैं। इससे पहले वर्ष 2016 में स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी ‘आईएनएस अरिहंत’ को युद्ध बेड़े में शामिल किया गया था। ‘अरिघात’ के जलावतरण के अवसर पर रक्षा मंत्री ने विश्वास जताया कि यह भारत की सुरक्षा को और मजबूत करेगी, परमाणु प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएगी, क्षेत्र में सामरिक संतुलन और शांति स्थापित करने में मदद करेगी।

उन्होंने कहा कि यह देश की सुरक्षा में निर्णायक भूमिका निभाएगी। उन्होंने इसे राष्ट्र के लिए एक उपलब्धि और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने के अटूट संकल्प का प्रमाण बताया। राजनाथ सिंह ने इस क्षमता को हासिल करने में भारतीय नौसेना, डीआरडीओ और उद्योग जगत की कड़ी मेहनत और तालमेल की सराहना की।

भारत विकसित देश बनने की ओर अग्रसर-राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने कहा, “आज भारत एक विकसित देश बनने की ओर अग्रसर है। हमारे लिए रक्षा सहित हर क्षेत्र में तेजी से विकास करना जरूरी है, खासकर आज के भू-राजनीतिक परिदृश्य में। हमें आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ एक मजबूत सेना की भी जरूरत है। हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए मिशन मोड पर काम कर रही है कि हमारे सैनिकों के पास भारतीय धरती पर बने उच्च गुणवत्ता वाले हथियार और प्लेटफॉर्म हों।”

INS अरिघात स्वदेशी प्रणालियों और उपकरणों से सुसज्जित है, जिन्हें भारतीय वैज्ञानिकों, उद्योग और नौसेना कर्मियों द्वारा एकीकृत करने के लिए अवधारणा, डिजाइन और निर्माण किया गया है। इस पनडुब्बी में स्वदेशी तकनीक से की गई प्रगति के कारण यह अपनी पूर्ववर्ती ‘अरिहंत’ से कहीं अधिक उन्नत है। दोनों पनडुब्बियों की मौजूदगी से भारत की संभावित शत्रुओं को रोकने और अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने की क्षमता बढ़ेगी।

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INS अरिघात की खासियत

INS अरिघात का वजन 6000 टन है और यह करीब 113 मीटर लंबा है। इसकी चौड़ाई 11 मीटर और ड्राफ्ट 9.5 मीटर है। यह पानी के अंदर 980 से 1400 फीट की गहराई तक जा सकता है। साथ ही यह लंबे समय तक पानी में डूबा रह सकता है। INS अरिघात में 12 K-15 सागरिका सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) तैनात किए गए हैं। पनडुब्बी से दागी गई बैलिस्टिक मिसाइल की रेंज 750 किलोमीटर है।

इसके अलावा इसमें 3500 किलोमीटर की रेंज वाली चार K4 मिसाइलें भी लगी हैं। साथ ही पनडुब्बी छह 21 इंच के टॉरपीडो से भी लैस है। इसके अलावा कई टॉरपीडो ट्यूब हैं जिनका इस्तेमाल टॉरपीडो, मिसाइल या समुद्री माइंस को तैनात करने के लिए किया जा सकता है। इस पनडुब्बी के अंदर एक न्यूक्लियर रिएक्टर भी लगाया गया है। परमाणु ईंधन का उपयोग करने से यह पनडुब्बी सतह पर 28 किमी/घंटा तथा पानी के अंदर 44 किमी/घंटा की गति प्राप्त कर सकेगी।

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