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डॉलर के मुकाबले रुपये में सबसे बड़ी गिरावट, 78.85 के लेवल तक गिरा

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चेन्नईः वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और मुद्रास्फीति की चिंता के बीच भारतीय रुपये में मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिरावट आई। इसके अलावा, विदेशी निवेशकों (एफआईआई) ने शेयर बाजारों में अपनी इक्विटी होल्डिंग्स को बेचना जारी रखा। भारतीय रुपया 78.50 रुपये पर खुला और डॉलर के मुकाबले 78.85 के नए रिकॉर्ड निचले स्तर को छू गया।

विश्लेषकों का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से रुपये में और गिरावट आ सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीक्षई) ने रुपये की दर को स्थिर करने के लिए डॉलर बेचकर हस्तक्षेप किया लेकिन अमेरिकी मुद्रा की मांग अधिक थी।

एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले आठ महीनों के दौरान कुल 34 अरब डॉलर (एफआईआई इक्विटी और एफआईआई कर्ज) भारत से बाहर गए हैं। एमके ग्लोबल ने कहा कि दुनिया डॉलर के वित्तपोषण के तनाव का सामना कर रही है, आरबीआई की विदेशी मुद्रा प्रबंधन रणनीति (स्पॉट इंटरवेंशन प्लस बाय-सेल स्वैप) लंबे समय तक जारी रहने पर उलटा असर कर सकती है।

एमके ग्लोबल के अनुसार, भारतीय रुपये का प्रदर्शन तेल के नेतृत्व में व्यापार की बिगड़ती बाहरी शर्तों, तेजी से बदलते वैश्विक जोखिम वाले माहौल, तेज विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (इक्विटी) के बहिर्वाह और आरबीआई के विदेशी मुद्रा रुख के बीच फंस गया है।

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