जोहानिसबर्गः भारतीय मूल के दक्षिण अफ्रीकी नेता और देश के पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रवीण गोवर्धन (Pravin Gordhan) नहीं रहे। कैंसर के मरीज गोरधन ने आज सुबह यहां एक अस्पताल में 75 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। उनके शोकाकुल परिवार ने यह जानकारी दी। वह 1990 के दशक से लेकर करीब चार महीने पहले तक दक्षिण अफ्रीकी राजनीति में सक्रिय थे।
रंगभेद विरोधी आंदोलन में लिया था हिस्सा
दक्षिण अफ्रीका के प्रमुख अखबार द मेल एंड गार्जियन के अंग्रेजी संस्करण में छपी खबर के मुताबिक, पूर्व नेशनल असेंबली स्पीकर और भारतीय मूल के प्रवीण गोवर्धन ने रंगभेद विरोधी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। उन्होंने चार महीने पहले सक्रिय राजनीति से संन्यास की घोषणा की थी।
राष्ट्रपति ने जताया दुख
राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने अपने शोक संदेश में अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के सदस्य रहे गोरधन की प्रशंसा करते हुए उन्हें एक बेहतरीन राजनेता और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में प्रमुख अग्रदूत बताया। उन्होंने परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और प्रवीण गोवर्धन के निधन पर दुख जताया।
अंदोलन के समय जाना पड़ा जेल
द मेल एंड गार्जियन के मुताबिक, प्रवीण गोवर्धन ‘ट्रांजिशनल एग्जीक्यूटिव काउंसिल’ के सह-अध्यक्ष थे। इसका गठन नेल्सन मंडेला की रिहाई के बाद हुआ था, जिन्हें रंगभेद के खिलाफ लड़ने के लिए जेल में डाल दिया गया था। प्रवीण गोवर्धन ने 2009 से 2014 तक और फिर 2015 से 2017 तक वित्त मंत्री के रूप में दो कार्यकाल पूरे किए। उन्होंने 2014 से 2015 तक सहकारी शासन और पारंपरिक मामलों के मंत्री के रूप में भी काम किया।
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कैंसर की बीमारी से थे ग्रसित
वे सार्वजनिक उद्यम मंत्री भी थे। उनके परिवार के अनुसार, उन्हें इस सप्ताह की शुरुआत में कैंसर के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गोरधन के अंतिम क्षणों में उनके परिवार के सदस्य और करीबी दोस्त अस्पताल में मौजूद थे। उन्होंने एक दशक तक दक्षिण अफ्रीकी राजस्व सेवा के आयुक्त के रूप में भी काम किया।
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