Friday, March 21, 2025
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भारतीय नौसेना को मिला नया प्रहरी स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट ‘Tushil’, रक्षा मंत्री ने कही ये बात

नई दिल्लीः भारतीय नौसेना को सोमवार को रूस के कलिनिनग्राद में अपना नया समुद्री गश्ती स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट ‘तुशील’ (Tushil) प्राप्त हुआ। कमीशनिंग समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी भी शामिल हुए। आईएनएस तुशील भारत के पश्चिमी बेड़े की ‘स्वॉर्ड आर्म’ का हिस्सा होगा और यह दुनिया के सबसे तकनीकी रूप से उन्नत फ्रिगेट में से एक होगा। यह न केवल भारतीय नौसेना की बढ़ती समुद्री क्षमताओं का प्रतीक है, बल्कि भारत-रूस साझेदारी का भी प्रमाण है।

तीन दिन की रूस यात्रा पर राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मॉस्को में रूस की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं, जहां उनका स्वागत भारतीय राजदूत विनय कुमार और रूसी उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन ने किया। यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करेंगे। वह 10 दिसंबर को अपने रूसी समकक्ष रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव के साथ रक्षा सहयोग को मजबूत करने के उपायों पर भारत-रूस अंतर-सरकारी सैन्य-तकनीकी सहयोग आयोग (IRIGC-M&MTC) की बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। बैठक में भारत और रूस के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग और औद्योगिक साझेदारी सहित विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की जाएगी। वह भारतीय समुदाय से बातचीत करेंगे।

क्या है Tushil की खासियत

नौसेना के अनुसार, आईएनएस तुशील परियोजना के लिए अनुबंध पर मास्को स्थित भारतीय दूतावास के तत्वावधान में अक्टूबर 2016 में जेएससी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट, भारतीय नौसेना और भारत सरकार के बीच हस्ताक्षर किए गए थे। इसी परियोजना के छह जहाज पहले से ही भारतीय नौसेना की सेवा में हैं। इनमें से तीन तलवार श्रेणी के जहाज सेंट पीटर्सबर्ग के बाल्टिस्की शिपयार्ड में बनाए गए हैं, जबकि तीन अनुवर्ती टेग श्रेणी के जहाज कलिनिनग्राद के यंतर शिपयार्ड में बनाए गए हैं। आईएनएस तुशील इस श्रृंखला का सातवां जहाज है, जिसके लिए कलिनिनग्राद में तैनात युद्धपोत निगरानी दल के विशेषज्ञों की एक भारतीय टीम ने जहाज के निर्माण पर बारीकी से नजर रखी है।

इस साल जनवरी में शुरू हुए निर्माण के बाद से युद्धपोत का व्यापक परीक्षण किया गया है, जिसमें फैक्ट्री समुद्री परीक्षण, राज्य समिति परीक्षण और अंत में भारतीय विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा डिलीवरी स्वीकृति परीक्षण शामिल हैं। इस अवधि के दौरान जहाज पर लगे सभी रूसी उपकरणों का परीक्षण किया गया, जिसमें हथियार फायरिंग भी शामिल है। परीक्षणों के दौरान जहाज ने 30 नॉट से अधिक की गति दर्ज की। अब यह जहाज युद्ध के लिए तैयार हालत में भारत पहुंचेगा। भारतीय नौसेना अब अपने बेड़े में मल्टी-रोल स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तुशील को शामिल करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध के कारण रूस से भारतीय सशस्त्र बलों को स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति एक बड़ी समस्या बन गई है।

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रक्षा मंत्री की अपने रूसी समकक्ष आंद्रेई बेलौसोव के साथ बातचीत में कई अन्य महत्वपूर्ण हथियार प्लेटफार्मों के लिए स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। यूक्रेन के साथ संघर्ष के कारण भारत को दो एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों की आपूर्ति में देरी का मुद्दा भी रक्षा मंत्री की तीन दिवसीय रूस यात्रा के दौरान उठेगा। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 2025 की शुरुआत में भारत आने वाले हैं, इसलिए दोनों पक्ष पहले चल रही सैन्य तकनीकी परियोजनाओं के साथ-साथ रणनीतिक हित के क्षेत्रों में सहयोग की समीक्षा करेंगे।

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