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भारत को 5 सालों में 20 लाख ईवी के लिए 4 लाख चार्जिंग स्टेशनों की होगी जरूरत

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नई दिल्लीः भारत को 2026 तक अपनी सड़कों पर संभावित रूप से चलने वाले 20 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की आवश्यकता को पूरा करने के लिए लगभग 400,000 चार्जिंग स्टेशनों की जरूरत होगी। शनिवार को एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। ग्रांट थॉर्नटन भारत-फिक्की की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के लिए 2030 तक 100 प्रतिशत ईवी के अपने दृष्टिकोण तक पहुंचने के लिए, सरकारी सहयोग में वृद्धि, प्रौद्योगिकी की घटी हुई लागत और संकटपूर्ण प्रदूषण के स्तर जैसे कारक इस बदलाव को तेज करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे।

ईवी उद्योग निकाय - सोसायटी ऑफ मैनुफैक्चर्स इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के अनुसार - भारत में मार्च 2021 तक फ्लिट सेगमेंट सहित लगभग 16,200 इलेक्ट्रिक कारों के लिए 1,800 चार्जिंग स्टेशन हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिलाकर ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर, ईवी और चार्जिंग स्टेशन विशेषताओं, बैटरी प्रौद्योगिकियों और इलेक्ट्रिसिटी बाजारों के साथ कसकर जुड़ा हुआ है।

इसमें कहा गया है, रिपोर्ट में एक सर्वेक्षण के हिस्से के रूप में आधे से अधिक हितधारकों ने इलेक्ट्रिक वाहन आपूर्ति उपकरण (ईवीएसई) की तैनाती और कॉपोर्रेट सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे के वर्गीकरण में डिस्कॉम की भागीदारी की भी सिफारिश की है।

इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वैश्विक मैनुफैक्चर्स ने ईवी चार्जर्स की उपलब्धता और प्रभावकारिता में सुधार करने के लिए लाखों खर्च किए हैं और इसके परिणामस्वरूप आज सबसे तेज क्षमता वाले एक वाहन को रिचार्ज करने में 15 मिनट से अधिक समय नहीं लगता है।

रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में ईवी की वैश्विक बिक्री 39 प्रतिशत वर्ष-दर-वर्ष से बढ़कर 31 लाख यूनिट हो गई है, जबकि कुल यात्री कार बाजार में 14 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसके अलावा, रिपोर्ट में उपभोक्ताओं की सोच में महामारी के कारण भी सकारात्मक बदलाव के संकेत दिए गए हैं। अब उपभोक्ता इस चीज को लेकर अधिक संवेदनशील है कि उनकी आने वाली पीढ़ी स्वस्थ जीवन व्यतीत करे, जिसमें स्वच्छ हवा में सांस लेना खासतौर पर शामिल है।

ग्रांट थॉर्नटन के पार्टनर साकेत मेहरा ने अपने एक बयान में कहा, साल 2020 ने एक सहयोगी और एकीकृत प्रयास के माध्यम से विश्व स्तर पर उपलब्ध ताकत का उपयोग करके विद्युतीकरण और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के विकास को तेजी से ट्रैक करने के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी और अवसर प्रस्तुत किया है।