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अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा पर भारत-इंडोनेशिया ने की पेट्रोलिंग, जानें इसका क्या है मकसद

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नई दिल्लीः भारत और इंडोनेशिया की नौसेनाओं ने दो दिनों तक अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पर संयुक्त रूप से गश्त (कॉर्पेट) की है। 30-31 जुलाई को की गई इस पेट्रोलिंग का मकसद हिन्द महासागर क्षेत्र के इस महत्वपूर्ण हिस्से में वाणिज्यिक शिपिंग, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वैध गतिविधि के संचालन पर नजर रखना रहा है। भारत और इंडोनेशिया 2002 से वर्ष में दो बार अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) के साथ समन्वित गश्त करते हैं। दोनों मित्र देशों के बीच कॉर्पेट के 36वें संस्करण में भारतीय नौसेना का स्वदेश निर्मित अपतटीय गश्ती पोत आईएनएस सरयू और इंडोनेशियाई नौसेना का जहाज केआरआई बंग टोमो शामिल हुआ है। इसके अलावा दोनों देशों के पेट्रोल विमानों ने भी हिस्सा लिया है।

कोरोना महामारी के मद्देनजर ‘गैर-संपर्क, समुद्र में केवल’ अभ्यास के रूप में आयोजित यह अभियान दो मित्र नौसेनाओं के बीच आपसी विश्वास, तालमेल और सहयोग के उच्च स्तर पर प्रकाश डालता है। अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पर इस गश्ती अभियान का उद्देश्य हिन्द महासागर क्षेत्र के इस महत्वपूर्ण हिस्से को वाणिज्यिक शिपिंग, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वैध गतिविधियों के संचालन को सुरक्षित रखना है। इस तरह की समुद्री गतिविधि नौसेनाओं के बीच समझ और अंतर- संचालनीयता बनाने में मदद करती हैं। इसके अलावा इस तरह के अभियान अवैध तरीके से अनियमित मछली पकड़ने, मादक पदार्थों की तस्करी, समुद्री आतंकवाद और सशस्त्र समुद्री डकैती रोकने के उपाय तलाशने में मदद करते हैं।

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भारत सरकार के दृष्टिकोण सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के अनुरूप भारतीय नौसेना क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए हिन्द महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रही है। भारत और इंडोनेशिया की नौसेनाएं परंपरागत रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों को निभाते हुए उन समुद्री गतिविधि में शामिल हो रही हैं, जिसमें बातचीत के व्यापक स्पेक्ट्रम भी शामिल हैं। इससे दोनों देशों के बीच ‘दोस्ती’ पिछले कुछ वर्षों में और मजबूत हुई है। भारत और इंडोनेशिया की नौसेनाएं लगातार एक-दूसरे के बंदरगाह की यात्रा कर रही हैं। द्विपक्षीय अभ्यासों और प्रशिक्षण का आदान-प्रदान करने के साथ दोनों नौसेनाओं के बीच समुद्री बातचीत लगातार बढ़ रही है। मौजूदा गश्ती अभियान में दोनों नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग मजबूत करने और पूरे इंडो पैसिफिक में दोस्ती के गठबंधन को और मजबूत बनाने का प्रयास किया गया है।