भारत को मिली एक और कामयाबी, अब लंबी दूरी के दुश्मनों को ढेर करेगी नौसेना

 

नई दिल्लीः भारत ने आज यानी रविवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस परीक्षण में मिलाइल के जरिए अरब सागर में एक लक्ष्य पर निशाना लगाया। जो कि पूरी तरह से सफल रहा। ब्रह्मोस ने उच्च-स्तरीय और अत्यंत जटिल युद्धाभ्यास करने के बाद लक्ष्य को सफलतापू्र्वक लक्षित किया। ब्रह्मोस प्राइम स्ट्राइक हथियार के रूप में नेवल सर्फेस लक्ष्यों को लंबी दूरी तक निशाना बनाकर युद्धपोतों की अजेयता सुनिश्चित करेगा।

उल्लेखनीय है कि, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 400 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक लक्ष्य को निशाना बना सकती है। ब्रह्मोस एक रैमजेट सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे पनडुब्बी, युद्धपोत, लड़ाकू विमानों और जमीन से भी लॉन्च किया जा सकता है। ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम के तहत विकसित किया गया है।

शुरुआत में इसकी रेंज 290 किलोमीटर थी। हालांकि इसकी क्षमता को बढ़ाकर 400 किलोमीटर से ज्यादा किया गया है। कुछ अनुमानों के मुताबिक, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 450 किलोमीटर से अधिक दूरी तक दुश्मन के टारगेट को तबाह कर सकती है।

भारत ने पहले ही लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन के साथ लगने वाली सीमा पर कई रणनीतिक स्थानों पर ब्रह्मोस मिसाइलों और अन्य प्रमुख हथियारों को बड़ी संख्या में तैनात किया हुआ है। यह परीक्षण ऐसे समय पर हुआ है, जब भारत और चीन सीमा विवाद में उलझे हुए हैं।

एक भारत-रूसी संयुक्त उद्यम ‘ब्रह्मोस एयरोस्पेस’ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का उत्पादन करता है जिसे पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों या भूमि प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है। पिछले साल मई में, भारतीय वायुसेना ने सुखोई लड़ाकू विमान से ब्रह्मोस मिसाइल के हवाई संस्करण का सफल परीक्षण किया था।

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ब्रह्मोस को भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल प्रक्षेपण के लिए डीआरडीओ, ब्रह्मोस और भारतीय नौसेना को बधाई दी। डीआरडीओ के चेयरमैन जी. सतीश रेड्डी ने इस उपलब्धि के लिए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों और सभी कर्मचारियों, ब्रह्मोस, भारतीय नौसेना और इंडस्ट्री को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल कई तरीकों से भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमताओं में इजाफा करेगी।