United Nations: न्यूयॉर्कः संयुक्त राष्ट्र की 54वीं मानवाधिकार परिषद की बैठक में भारत ने अफगानिस्तान को भरपूर मदद भेजने की जानकारी दी है। इसके साथ ही भारत ने अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता स्थापित होने की भी उम्मीद जताई है। अफगानिस्तान इस समय जबरदस्त संकट से जूझ रहा है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र से कहा कि अफगानिस्तान के पड़ोसी और विकास भागीदार होने के अलावा, भारत और अफगानिस्तान करीबी ऐतिहासिक सभ्यताएं हैं।
भारत ने अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता का समर्थक होने के साथ-साथ अफगानिस्तान में मानवाधिकार विकास कार्यों की देखरेख की भी बात कही है। यह भी बताया गया कि भारत ने अफगानिस्तान को 50 हजार मीट्रिक टन अनाज, 28 टन आपदा राहत पैकेज, 200 टन दवाएं, टीके और अन्य चिकित्सा सामान भेजा है।
इसके अलावा महिला स्वास्थ्य किट और कंबल की 11 हजार इकाइयां अफगानिस्तान में महिला पुनर्वास केंद्रों को भी भेजी गई हैं। विश्व खाद्य कार्यक्रम ने भी संकट से जूझ रहे अफगानिस्तान के लोगों को मदद भेजने के लिए भारत की सराहना की। दो साल पहले अफगानिस्तान में तालिबान के दोबारा सत्ता संभालने के बाद से अफगानिस्तान मानवीय संकट का सामना कर रहा है।
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भारत अफगान लोगों को चिकित्सा और खाद्य सहायता सहित अन्य मानवीय सहायता प्रदान कर रहा है। विश्व खाद्य कार्यक्रम ने कहा कि हमने इस साल की पहली छमाही में अफगानिस्तान में 16 मिलियन लोगों के लिए भोजन प्राप्त किया है। विश्व खाद्य कार्यक्रम ने भारत को उदार दानदाता बताते हुए उसके प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि भारत जैसे उदार दानदाताओं की मदद से ही अफगानिस्तान में लोगों को भोजन उपलब्ध कराना संभव हो सका है।
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