नई दिल्लीः द्विपक्षीय और रक्षा संबंधों की उत्कृष्ट परंपरा को जारी रखते हुए सेना प्रमुख मनोज मुकुंद जनरल नरवणे पांच दिवसीय यात्रा पर गुरुवार को बांग्लादेश पहुंचे। भारतीय सेना प्रमुख ने स्मारक शिखा अनिर्बान जाकर उन बहादुर सैनिकों को पुष्पांजलि अर्पित की, जिन्होंने 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया था। बाद में जनरल नरवणे को बांग्लादेश के सेना मुख्यालय सेनाकुंज में गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। सेना प्रमुख नरवणे की यह यात्रा उस समय हो रही है, जब पाकिस्तान से 1971 के युद्ध में जीत पर भारत ‘स्वर्णिम जयंती वर्ष’ मना रहा है। साथ ही आजादी के शानदार 50 वर्ष पूरे होने पर बांग्लादेश में वहां के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की जन्म शताब्दी पर बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ‘शांतिर ओग्रोशेना’ चल रहा है। 12 अप्रैल तक होने वाले इस सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना की डोगरा रेजिमेंट भी हिस्सा लेने के लिए बांग्लादेश में मौजूद है। इसमें बांग्लादेशी सेना के साथ-साथ रॉयल भूटान आर्मी और श्रीलंकाई सेना भी भाग ले रही है। पूरे अभ्यास के दौरान अमेरिका, ब्रिटेन, तुर्की, सऊदी अरब, कुवैत और सिंगापुर के सैन्य पर्यवेक्षक भी उपस्थित रहेंगे।
भारतीय सेना प्रमुख की इस यात्रा का उद्देश्य भारत और बांग्लादेश के बीच रक्षा सहयोग के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाना है। जनरल नरवणे अपनी यात्रा के दौरान बांग्लादेश की तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठकों के अलावा बांग्लादेश के विदेश मंत्री के साथ भी बातचीत करेंगे। उनकी यह यात्रा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सैन्य संबंधों को और गहरा करेगी। इसके अलावा रणनीतिक मुद्दों पर मेजबान बांग्लादेश के साथ करीबी समन्वय के लिहाज से भी यह यात्रा काफी महत्वपूर्ण साबित होगी। जनरल नरवणे धनमंडी में बांग्लादेश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान मेमोरियल संग्रहालय भी जाएंगे, जहां वह बांग्लादेश के संस्थापक को श्रद्धांजलि देंगे।
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सेना प्रमुख 11 अप्रैल को ढाका में बांग्लादेशी सेना के बहुउद्देशीय परिसर में वहां के विदेश मंत्री के साथ बातचीत करेंगे। वह संयुक्त राष्ट्र के शांति सहयोग कार्यों पर ‘वैश्विक संघर्षों की प्रकृति बदलना- संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की भूमिका’ विषयक संगोष्ठी में मुख्य भाषण देंगे। जनरल नरवणे 12 अप्रैल को माली, दक्षिण सूडान और मध्य अफ्रीकी गणराज्य में संयुक्त राष्ट्र मिशनों के बल कमांडरों और रॉयल भूटानी सेना के उप मुख्य संचालन अधिकारी के साथ बातचीत करेंगे। वह बांग्लादेश, भूटान और श्रीलंका के सशस्त्र बलों के साथ चल रहे बहुपक्षीय अभ्यास एक्सरसाइज ‘शांतिर ओग्रोशेना’ के समापन समारोह में भी शामिल होंगे। अभ्यास के दौरान मौजूद रहे अमेरिका, ब्रिटेन, तुर्की, सऊदी अरब, कुवैत और सिंगापुर के सैन्य पर्यवेक्षकों से भी मुलाकात करेंगे। थल सेनाध्यक्ष अपनी यात्रा के अंतिम चरण के दौरान बांग्लादेश इंस्टीट्यूट ऑफ पीस सपोर्ट एंड ट्रेनिंग ऑपरेशंस के सदस्यों के साथ बातचीत करेंगे।