Wednesday, February 19, 2025
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Nuclear Ballistic Missile Defense System: सफल हुआ परीक्षण, अब ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बजेगा भारत का डंका

नई दिल्लीः रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा तट पर बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली (Ballistic Missile Defence System) के दूसरे चरण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इसने सभी परीक्षण उद्देश्यों को पूरा किया और लंबी दूरी के सेंसर (long range sensors), कम विलंबता संचार प्रणाली (Low Latency Communication System) और उन्नत इंटरसेप्टर मिसाइलों (Advanced interceptor missiles) से युक्त संपूर्ण नेटवर्क केंद्रित युद्ध हथियार प्रणाली को मान्य किया।

दुश्मन की मिसाइलें होंगी बेअसर

अब जबकि भारत ने दुश्मन की बैलिस्टिक मिसाइलों से बचाव करने की स्वदेशी क्षमता विकसित कर ली है, तो उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दुश्मन की बैलिस्टिक मिसाइलों को बेअसर करना आसान हो जाएगा। डीआरडीओ के अनुसार, दूसरे चरण का परीक्षण करने के लिए, लक्ष्य मिसाइल को एलसी-IV धामरा से लॉन्च किया गया था, जो एक एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल की नकल थी। इसने जमीन और समुद्र पर तैनात हथियार प्रणाली रडार से इसका पता लगाकर इंटरसेप्टर सिस्टम को सक्रिय कर दिया।

रक्षा मंत्री ने की सराहना

उड़ान परीक्षण (Flight Testing) ने सभी परीक्षण उद्देश्यों को पूरा किया और लंबी दूरी के सेंसर (Sensors), कम विलंबता संचार प्रणाली ( low latency communication system) और MCC और उन्नत इंटरसेप्टर मिसाइलों (Interceptor missiles) से युक्त संपूर्ण नेटवर्क केंद्रित युद्ध हथियार प्रणाली को मान्य किया। इस परीक्षण ने 5000 किमी वर्ग की बैलिस्टिक मिसाइलों से बचाव करने की देश की स्वदेशी क्षमता का प्रदर्शन किया है।

मिसाइल के प्रदर्शन की निगरानी जहाज पर विभिन्न स्थानों पर कैप्चर किए गए उड़ान डेटा और आईटीआर, चांदीपुर में तैनात इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम, रडार और टेलीमेट्री (Electro-optical systems, radar and telemetry) स्टेशनों जैसे रेंज ट्रैकिंग उपकरणों से की गई थी। दूसरे चरण की एडी एंडो-एटमॉस्फेरिक मिसाइल एक स्वदेशी रूप से विकसित दो-चरण वाली ठोस प्रणोदित जमीन से प्रक्षेपित मिसाइल प्रणाली है, जिसका उद्देश्य उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कई प्रकार के दुश्मन बैलिस्टिक मिसाइल खतरों को बेअसर करना है।

यह भी पढ़ेंः-DGP प्रशांत कुमार ने कहा- दोबारा न हो हाथरस में सत्संग जैसी घटना, बनेंगे नए सिस्टम

मिसाइल प्रणाली में विभिन्न DRDO प्रयोगशालाओं में विकसित कई अत्याधुनिक स्वदेशी प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने सफल उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ की सराहना की है।

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