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'वर्क फ्रॉम होम' के बढ़ते चलन के मद्देनजर कैट ने पीएम से की नई पॉलिसी बनाने की अपील

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के शुरूआत से ही वर्क फ्रॉम होम का चलन बड़ा तेजी से चला है, अब इसी चलन पर एक पॉलिसी बनाने का आग्रह प्रधानमंत्री से किया गया है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स कैट के मुताबिक, वर्क फ्रॉम होम संस्कृति पिछले दो कोविड वर्षों में तेजी से विकसित हुई है और इस मॉड्यूल को सुचारू रूप से चलाने के लिए ठोस और संरचनात्मक नियमों और नीतियों की आवश्यकता है।

कैट ने पीएम मोदी से वर्क फ्रॉम होम वर्किंग मॉडल के लिए नियम और कानून तैयार करने का आग्रह किया है, ताकि भविष्य में किसी भी स्तर पर नियोक्ता और कर्मचारियों के बीच विवाद और टकराव को रोका जा सके।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि, पीएम मोदी को लिखे पत्र में यह उल्लेख किया है कि कोविड-19 भारत और दुनिया भर में एक नया व्यवसाय मॉडल, वर्क फ्रॉम होम, लेकर आया है। यह मॉडल अपने आप विकसित हुआ है और देश भर में सफल मॉडल के रूप में उभरा है। वर्क फ्रॉम होम मॉडल ने ऑफिस स्पेस में विषम परिस्थितियों में भी काम करने के चलन को तेज कर दिया है।

न केवल कॉर्पोरेट या उद्योग क्षेत्र बल्कि छोटे व्यवसायों से युक्त स्व-संगठित क्षेत्र ने भी इसको अपनाया है। इस मॉडल में बुनियादी ढांचे की लागत को काफी कम करने की क्षमता है और ये तय है कि ये वर्क फ्रॉम होम कल्चर कोविड संकट के हल होने के बाद भी जारी रहेगा क्योंकि यह अब व्यापार और वाणिज्य का एक अभिन्न अंग बन गया है।

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हाल ही में, दिल्ली सरकार ने निजी कार्यालयों को बंद करने और घर से काम करने का आदेश दिया है। इसी तरह कई अन्य राज्यों ने भी कई पाबंदियां लगाकर लोगों से वर्क फ्रॉम होम करने को कहा गया है।

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