प्रदेश उत्तर प्रदेश आस्था

इस मंदिर में एक साथ होते हैं भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों के दर्शन

photo lko 03_121

लखनऊः श्रावण मास आज से प्रारंभ हो गया है। 26 जुलाई को श्रावण का पहला सोमवार पड़ेगा। इसे ध्यान में रखते हुए शिवालयों और मन्दिरों में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किया गया है। कोविड प्रोटोकाल का सख्ती से पालन कराया जायेगा। शिवालय और शिव मन्दिरों की बात करें तो प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सदर बाजार में एक ऐसा शिव मन्दिर स्थापित है, जहां एक साथ भगवान शंकर के 12 स्वरूपों के दर्शन होते हैं। इसे द्वादश ज्योतिर्लिंग भी कहा जाता है। इतना हीं शिवलिंग पर चढ़ने वाला जल और दूध नालियों में न बहकर वाॅटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से एक टैंक के जरिये जमीन में चला जाता है। वहीं, दूध की खीर प्रसाद के रुप में श्रद्धालुओं को वितरण होता है।

मन्दिर कमेटी के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल बताते है कि मन्दिर के स्थापना आज से करीब पौने दो साल पहले हुई थी। इसकी स्थापना कानपुर के लाला छेदीलाल अग्रवाल ट्रस्ट ने करवाया था। शिवालय में प्रधान शिवलिंग भी स्थापित है। सिद्धपीठ के रूप में स्थापित मंदिर में सभी शुभ कार्य करने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते थे। श्रद्धालुओं ने ही मिलकर मंदिर का जीर्णोद्धार कराया और अयोध्या के संत नृत्यगोपाल दास ने द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर का उद्घाटन किया था।

यह भी पढ़ेंःश्वेता तिवारी को इस बात का नहीं है पछतावा, करियर में बारे में कही यह बात

मंत्री आलोक सिंघल ने बताया कि राजधानी में एक ऐसा पहला मंदिर है, जहां जल चढ़ाने के लिए आपको गंगाजलयुक्त शुद्ध जल शिवलिंग के पास ही मिल जाता है। मंदिर में भगवान शिव के सभी 12 स्वरूप श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि श्रावण मास में आने वाले श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो, इसका पूरा इंतजाम किया गया है। मंदिर में परिवार के साथ रुद्राभिषेक करने की पूरी व्यवस्था रहती है। श्रावण के सभी सोमवार व नागपंचमी पर 15 परिवार को एक बार में रुद्राभिषेक की सुविधा मिलेगी। लेकिन कोविड प्रोटोकाल का पूरा पालन करना होगा और बिना मास्क के किसी भी श्रद्धालु को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जायेगा।