Saturday, October 12, 2024
spot_img
spot_img
spot_img
Homeटॉप न्यूज़बैठक में किसान संगठनों और सरकार के बीच तीखी नोंकझोंक, सरकार ने...

बैठक में किसान संगठनों और सरकार के बीच तीखी नोंकझोंक, सरकार ने कहा- कोर्ट करे फैसला

नई दिल्लीः केंद्र सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच शुक्रवार को विज्ञान भवन में आयोजित बैठक के दौरान तीखी नोंकझोंक हुई। किसान नए कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की मांग से पीछे हटने को तैयार नहीं हुए। सरकार ने कहा कि वह कानून वापस लिये जाने को छोड़कर किसी अन्य विकल्प पर बात करने के लिए तैयार है। आज की बैठक एकमात्र सकारात्मक पहलू यह रहा कि दोनों पक्ष 15 जनवरी को वार्ता के अगले दौर के लिए राजी हो गए।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बैठक के बाद मीडिया को बताया कि आज की बैठक में कृषि कानूनों को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया। सरकार ने किसान संगठनों के नेताओं से कहा कि वे कानूनों की वापसी की मांग को छोड़कर कोई अन्य विकल्प पेश करें, जिस पर विचार करने के लिए सरकार तैयार है। किसान संगठनों की ओर से कोई विकल्प पेश नहीं किया गया तथा बैठक वहीं समाप्त हो गई। यह फैसला किया गया कि अगली बैठक 15 जनवरी को होगी।

तोमर ने कहा कि जो लोग कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, उनका कहना है कि उन्हें वापस लिया जाना चाहिए जबकि कुछ अन्य किसान नेता नए कानूनों का समर्थन कर रहे हैं। सरकार कानूनों का विरोध कर रहे संगठनों से बातचीत जारी रखे हुए है। उन्होंने कहा कि सरकार कानूनों का समर्थन कर रहे लोगों से भी बातचीत कर रही है।

तोमर ने कहा कि बीते गुरुवार को उनकी नानकसर गुरूद्वारा कालेरन के प्रमुख लाखा सिंह से बातचीत हुई है। उन्होंने सरकार को किसानों का पक्ष बताया है। हमने अपनी ओर से सरकार का पक्ष रखा है। हमने गुरूद्वारा प्रमुख से आग्रह किया कि वह किसान संगठनों से बातचीत करें। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ने लाखा सिंह से संपर्क नहीं किया था बल्कि वह स्वयं किसानों के साथ हमदर्दी जाहिर करने के लिए हमारे पास आए थे।

बाबा लाखा सिंह ने कृषि मंत्री से हुई बातचीत के बारे में कहा कि उन्होंने समस्या का समाधान निकालने के लिए एक नया प्रस्ताव रखा है। हम चाहते हैं कि मसला जल्द से जल्द हल हो। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री ने समस्या के समाधान के उनके प्रयासों का समर्थन किया है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के किसान संगठन ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव व पूर्व सांसद हन्नान मोल्लाह ने बैठक के बाद कहा, “ बैठक में तीखी बहस हुई। किसान नेताओं ने कहा कि वे कानूनों की वापसी के अलावा और कुछ नहीं चाहते। किसान संगठन किसी न्यायालय में भी नहीं जाएंगे।” उन्होंने कहा कि या तो सरकार नए कानूनों को वापस ले अन्यथा 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर उनकी ट्रैक्टर परेड का कार्यक्रम पूर्ववत कायम है।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, “ किसान संगठन कानूनों की वापसी के मुद्दे पर नहीं झुकेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार कानूनों में संशोधन करने की बात कर रही है। हम कानूनों के प्रावधानों के बारे में बिंदुवार विचार करने के लिए तैयार नहीं हैं। हम केवल कानूनों की पूरी तरह वापसी चाहते हैं।” साथ ही उन्होंने कहा कि किसान नेता 15 जनवरी की बैठक में भाग लेंगे।

यह भी पढ़ेंः-मुलाकातों के पीछे का राज

उधर, किसान आंदोलन के संदर्भ में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। बाद में उन्होंने कहा कि वार्ता के अगले दौर में कोई न कोई हल निकल आएगा। उन्होंने कहा कि किसान संगठन यदि कानून वापसी के मुद्दे पर ही अड़े रहेंगे तो कोई समाधान निकलना मुश्किल है। किसानों से जुड़े बहुत से अन्य मुद्दे हैं, जिन पर गौर किए जाने की जरूरत है।

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें