लखनऊः राजधानी की सड़कों पर बड़े पैमाने पर बगैर परमिट के अवैध बाइक टैक्सी संचालित हो रही हैं। इससे परिवहन विभाग को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है, बावजूद इसके ओला, उबर, रैपिडो कम्पनियां नियमों को दरकिनार कर निजी दो पहिया गाड़ियों को अटैच कर रही हैं।
कम्पनियां जहां कैब मैनुअल का खुला उल्लंघन कर रही हैं, तो वहीं परिवहन विभाग कार्रवाई करने से बच रहा है। हालांकि, बीते दिनों शिकायत मिलने पर आरटीओ प्रवर्तन अफसरों ने बाइक टैक्सी की ऑनलाइन बुकिंग कर कार्यालय बुलाया और जांच के दौरान प्रपत्र सही नहीं पाए जाने पर छह बाइक टैक्सियों को बंद करने की कार्रवाई की। परिवहन विभाग के अधिकारियों की मानें तो बाइक टैक्सी में निजी वाहनों का संचालन नहीं किया जा सकता है वहीं जिन दो पहिया वाहनों को बंद किया गया, वह टैक्सी ओला, उबर के ऐप से बुक की गई थी।
इन वाहनों से यात्रियों का सफर सुरक्षित नहीं है। ऐसे वाहनों को अटैच करने के दौरान परिवहन विभाग के नियमों की अनदेखी की जा रही है। सूत्रों की मानें तो राजधानी में करीब पांच हजार बाइक टैक्सी ओला, उबर, रैपिडो से अनुबंध कर धड़ल्ले से संचालित की जा रही हैं, वहीं शहर में बाइक टैक्सी के नाम पर सिर्फ 500 परमिट ही जारी किए गए हैं और अन्य बाइक टैक्सियां बिना परमिट यात्रियों को ढो रही हैं। कैब ओनर्स चालक वेलफेयर समिति के अध्यक्ष आर. के. पांडेय का कहना है कि परिवहन विभाग की लापरवाही व उदासीनता की वजह से निजी वाहन धड़ल्ले से सड़कों पर सवारी ढो रहे हैं। ऐसे वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने पर यात्री को बीमा क्लेम भी नहीं मिल सकता है। इसकी वजह यह है कि इन वाहनों का न तो परमिट है और न ही यह वाहन काॅमर्शियल में कन्वर्ट कराए गए हैं।
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इन्वेस्टर्स समिट के दौरान जारी किए गए थे परमिट
राजधानी में वर्ष 2018 में आयोजित की गई पहली इन्वेस्टर्स समिट के दौरान बाइक टैक्सी के परमिट जारी किए गए थे। उस समय बाइक टैक्सी के कुल 750 परमिट परिवहन विभाग की ओर से निकाले गए थे। हालांकि, इनमें से 500 परमिट ही दिए गए। इनमें 250 परमिट ओला व 250 परमिट उबर को दिए गए। इतने वर्षों बाद भी बाकी बचे 250 परमिट परिवहन विभाग जारी नहीं कर सका, वहीं कैब कम्पनियां बिना परमिट वाले निजी वाहनों को लगातार बाइक टैक्सी के तौर पर अटैच कर रही हैं। इससे राजधानी में निजी बाइक टैक्सी की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और परिवहन विभाग को राजस्व का नुकसान हो रहा है, बावजूद इसके परिवहन विभाग के अफसर कैब कंपनियों पर कार्रवाई नहीं कर रही हैं।
कम्पनियां कर रहीं कैब मैनुअल का उल्लंघन
राजधानी में कोरोना के बाद से लगातार कैब कम्पनियों के दफ्तर बंद हैं, वहीं शहर में कैब का संचालन शुरू होने के बाद जो नियम बनाए गए उसके तहत कैब सर्विस का लाइसेंस लेनी वाली कम्पनी के लिए कार्यालय के साथ पार्किंग की व्यवस्था भी अनिवार्य की गई। इसके साथ ही कम्पनी के कार्यालय का भौतिक परीक्षण आरआई द्वारा किया जाना सुनिश्चित किया गया। कैब मैनुअल के तहत यह भी व्यवस्था बनाई गई कि कार्यालय के बिना ऐसे किसी वाहन का संचालन नहीं कराया जाएगा, बावजूद इसके वर्तमान समय में कैब कम्पनियां नियमों का खुला उल्लंघन कर रही हैं।
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