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आईआईटी दिल्ली का बड़ा फैसला, मॉरिशस के बाद अन्य देशों में भी खोलेगा नए कैंपस

IIT Delhi to open new campuses abroad after Mauritius.

नई दिल्ली: आईआईटी दिल्ली, मॉरिशस के बाद अब विदेशों में और भी नए कैंपस खोलने पर विचार कर रहा है। विदेशों तक भारतीय शिक्षा का प्रसार कर रहा आईआईटी दिल्ली, आसियान पीएचडी छात्र कार्यक्रम का राष्ट्रीय समन्वयक भी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा, "आसियान पीएचडी कार्यक्रम हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ही एक पहल है, जिसकी घोषणा उन्होंने 2018 में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान आसियान नेताओं की उपस्थिति में की थी।"

शनिवार को आईआईटी दिल्ली का 51वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा, "सभी आईआईटी संस्थान न केवल राष्ट्रीय महत्व के संस्थान हैं, बल्कि हमारे देश का प्रतिनिधित्व करने वाला एक वैश्विक मंच है।" कोरोना संकट काल में आईआईटी दिल्ली ने सबसे सस्ती कोरोना वायरस परिक्षण किट बनाई। इसके अलावा इस संस्थान में कई कोविड-19 संबंधी अन्य अनुसंधान गतिविधियां हैं जो संस्थान के शोधकर्ताओं द्वारा उद्योग, अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों तथा सरकारी एजेंसियों के सहयोग से की जा रही हैं।

आईआईटी दिल्ली ने अनुसंधान एवं शिक्षा के क्षेत्र में असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। क्यू एस रैकिंग में 'इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी' के क्षेत्र में आईआईटी दिल्ली ने विश्व में 47वां स्थान प्राप्त किया है। ओवर ऑल रैकिंग में आईआईटी दिल्ली, विश्व के शीर्ष 200 संस्थानों में शामिल है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा, "इससे पता चलता है कि आईआईटी दिल्ली, इंजीनियरिंग तथा तकनीकी की दिशा में बहुत अच्छा काम कर रहा है।"

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इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विशिष्ट अतिथि के तौर पर आईआईटी दिल्ली के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. आर चिरमबरम, निदेशक प्रोफेसर वी रामगोपाल राव, डिग्री प्राप्त करने वाले छात्र एवं उनके अभिभावक और पूर्व छात्र भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा इस कार्यक्रम से जुड़े। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के बारे में बताते हुए डॉ. निशंक ने कहा, "राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी उच्च शिक्षण संस्थानों को अपनी रैंकिंग सुधारने का सुझाव देती है। आईआईटी दिल्ली इस दिशा में तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। चाहे वह शिक्षा हो, अनुसंधान हो या इनोवेश्ॉन, आईआईटी दिल्ली ने पिछले 3 वर्षों में 7 नए शैक्षणिक विभाग तथा स्कूल शुरू किए हैं। विभिन्न विषयगत क्षेत्रों में 13 उत्कृष्टता केंद्रों की शुरूआत की है।"

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निशंक ने दीक्षांत समारोह में डिग्री प्राप्त करने वाले सभी छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, "मुझे विश्वास है कि न सिर्फ आप बल्कि इस संस्थान में पढ़ने वाले वर्तमान छात्र देश निर्माण की पहल में योगदान देंगे। ह्यूमन कैपिटल के संदर्भ में हम दुनिया के सबसे बड़े देशों में से एक हैं। इसलिए हमें प्रधानमंत्री के 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के सपने को पूरा करने की दिशा में कार्य करना चाहिए और यह तभी संभव है जब हम अपने ज्ञान को धन में परिवर्तित करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।"