नई दिल्ली: अब कोरोना मरीजों के संपर्क में आए लोगों को जांच कराने की जरूरत नहीं होगी। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने इस संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। नए नियमों के अनुसार कोरोना मरीजों के संपर्क में आए ज्यादा जोखिम वाले व्यक्ति यानि ज्यादा उम्र या डायबिटीज, बीपी, किडनी, ह्दय रोग से पीड़ित लोगों को टेस्ट कराने की जरूरत होगी।
सोमवार को आईसीएमआर नए नियम जारी किए जिसके तहत लक्षण वाले मरीजों की जल्द से जल्द पहचान करने के लिए उनकी जांच की जाएगी और उन्हें पृथकवास में भेजने के साथ इलाज किया जाएगा। दूसरे राज्य में यात्रा करने वाले लोगों को अब टेस्ट कराने की आवश्यकता नहीं होगी। केवल विदेश यात्रा करने वाले या विदेश से आने वाले लोगों की जांच होगी।
नए नियमों के अनुसार कोरोना मरीज एक हफ्ते में एक ही बार अपना टेस्ट करा सकेगा। ठीक होने के बाद कोई टेस्ट की जरूरत नहीं होगी।
कुल मिलाकर इन लोगों को टेस्ट कराने की होगी आवश्यकता–
- लक्षण वाले मरीजों (बुखार, खांसी, गले में खराश, स्वाद या गंध महसूस न होना, सांस लेने में दिक्कत आदि)
- कोरोना के लैब टेस्ट के आधार पर संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वाले जोखिम श्रेणी के लोग
- अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने वाले (जोखिम वाले देशों के आधार पर)
- भारतीय हवाई अड्डों, बंदरगाहों या प्रवेश के अन्य मार्गों पर आने वाले विदेशी यात्रियों के लिए
- डॉक्टरों की अनुशंसा पर मरीजों की जांच हो सकेगी।