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आरयूएचएस अस्पताल में ऑक्सीजन रूकने से हुई मौतों पर मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट

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जयपुरः आरयूएचएस अस्पताल में ऑक्सीजन रुकने से तीन लोगों की मौत के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने मेडिकल विभाग के प्रमुख शासन सचिव और आरयूएचएस अधीक्षक को तीन दिन में रिपोर्ट पेश करने को कहा है। प्रदेश के सबसे बड़े कोविड सेंटर आरयूएचएस अस्पताल के आईसीयू में तीन मरीजों की ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा आने पर मौत का मामला सामने आया था। बताया जा रहा था कि ऑक्सीजन प्रेशर कम होने के चलते इन मरीजों की मौत हुई है। इस मामले में आयोग के अध्यक्ष न्यायाधिपति गोपाल कृष्ण व्यास ने एडवोकेट एसएन वोहरा के परिवाद पर यह नोटिस जारी किए है।

ईमेल के जरिए भेजे गए परिवाद में कहा गया कि आरयूएचएस में ऑक्सीजन उपलब्ध होने के बावजूद अव्यवस्थाओं के कारण यह घटना हुई। शुक्रवार को ऑक्सीजन का प्रेशर गिर जाने के कारण आपूर्ति बाधित होने से वार्ड में तीन मरीजों की मौत हो गई। परिवाद में कहा गया कि उस वार्ड में कुल 30 मरीज थे। अगर समय पर व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया जाता तो और भी मौतें हो सकती थी। साथ ही यह भी उल्लेख किया गया कि उस समय कोई जिम्मेदार उच्च अधिकारी अस्पताल में नहीं था, जिसके कारण यह घटना घटी। परिवादी ने इस घटना की जांच करवाकर अस्पताल प्रशासन के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की। साथ ही भविष्य में ऐसी घटना न घटे, यह भी सुनिश्चित करने की मांग की। इस पर आयोग ने प्रसंज्ञान लेते हुए प्रथम दृष्टया मामले में लापरवाही मानी। आयोग ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव और आरयूएचएस अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने भविष्य में इस प्रकार की घटना न हो, यह सुनिश्चित करने और 3 दिन में इस घटना की तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।

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उल्लेखनीय है कि आरयूएचएस अस्पताल में आईसीयू में तीन मरीजों की ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित होने से मौत के मामले में अस्पताल प्रशासन ने भी एक तथ्यात्मक रिपोर्ट सरकार को भेजी है। आरयूएचएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अजीत सिंह ने बताया कि ऑक्सीजन के कारण किसी भी मरीज की मौत अस्पताल में नहीं हुई है। एक रिपोर्ट बनाकर चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया को भेजी गई है। उन्होंने कहा कि तीनों मरीज की हालत काफी खराब थी, इनमें से एक मरीज का सिटी स्कोर 24, दूसरे मरीज का सिटी इसको 21 और तीसरे मरीज का सिटी स्कोर 18 था। तीनों के फेफड़े भी करीब 80 से 90 फीसदी संक्रमित थे। ऐसे में अत्यधिक संक्रमण होने के चलते मरीजों की रिकवरी काफी मुश्किल थी। यही एक रिपोर्ट आरयूएचएस अस्पताल प्रशासन की ओर से सरकार को पेश की गई है। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने स्वीकार किया है कि ऑक्सीजन के प्रेशर में कमी आई थी, लेकिन यह भी कहा है कि इससे किसी मरीज की मौत नहीं होती है।