हर तीन साल में एक बार होमगार्ड स्वयंसेवकों को मिलेगा वर्दी भत्ता

लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ रखने में होमगार्ड स्वयंसेवकों के योगदान की सराहना की है। इसके मद्देनजर उन्होंने होमगार्ड स्वयंसेवकों को प्रत्येक तीन वर्ष में एक बार 3,000 रुपये वर्दी भत्ते के रूप में दिए जाने की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से इसकी जानकारी दी गई।

योगी सरकार लगातार होमगार्ड स्वयंसेवकों के हित में कदम उठा रही है। इससे पहले होमगार्ड स्वयंसेवकों तथा अवैतनिक होमगार्ड अधिकारियों की सेवावधि में अधिवर्षता से पूर्व मृत्यु या अपंगता की स्थिति में उनके नॉमिनी या उत्तराधिकारी या उनको 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का निर्णय सरकार कर चुकी है। वर्तमान सरकार ने होमगार्ड्स की मृत्यु अथवा स्थायी रूप से अपंगता की दशा में उनके एक पात्र आश्रित को अनुकम्पा के आधार पर होमगार्ड्स स्वयंसेवक के पद पर सेवायोजित किये जाने की व्यवस्था की है। साथ ही, आश्रित के रूप में होमगार्ड्स स्वयंसेवक के पद पर सेवायोजित किये जाने के लिए जो भी नियम बनाये गये हैं, वह सरल एवं व्यावहारिक हैं। सरकार ने होमगार्ड्स स्वयंसेवकों के ड्यूटी भत्तों को पुलिसकर्मियों के समान किया है, जिससे वे पूरे मनोबल के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।

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राज्य सरकार ने होमगार्ड्स स्वयंसेवकों, अवैतनिक अधिकारियों का ड्यूटी भत्ता पुलिसकर्मियों के न्यूनतम वेतन 18,000 को 30 दिन के माह के आधार पर प्रतिदिन 600 रुपये एवं इसमें शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित महंगाई भत्ते को जोड़ते हुए अनुमन्य किया गया है। इसके साथ-साथ अवैतनिक अधिकारियों के मानदेय में भी अभिवृद्धि की गयी है। वर्तमान समय में प्रदेश में उपलब्ध सभी 90,000 होमगार्ड्स स्वयंसेवक प्रतिदिन विभिन्न ड्यूटियों के लिए प्रतिस्थापित हो रहे हैं, जिससे उनकी आजीविका एवं परिवार का भरण-पोषण हो रहा है। होमगार्ड्स स्वयंसेवकों के कल्याण के लिए स्थापित कल्याण कोष की धनराशि पूर्व में 5 करोड़ रुपये थी, जिसे वर्तमान सरकार ने बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दिया है।