कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा कि नकली वैक्सीन मामले की सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने कलकत्ता पुलिस की विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच जारी रखने का आदेश दिया है।
शुक्रवार को न्यायमूर्ति इंद्रप्रसन्न मुखर्जी और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध राय की खंडपीठ ने नकली वैक्सीन मामले में एक साथ तीन जनहित याचिकाओं की सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया। हालांकि कोर्ट ने कहा कि भविष्य में अगर जांच प्रक्रिया में कोई त्रुटि या खामी पाई जाती है तो जनहित याचिकाकर्ता मामले को दोबारा कोर्ट के सामने ला सकते हैं। हालांकि, दोनों जजों ने कहा कि वैक्सीन मामले में धोखाधड़ी की यह घटना अनोखी है।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य के महाधिवक्ता ने कहा कि कोलकाता पुलिस ने घटना की जांच के लिए 18 लोगों की एक विशेष जांच टीम बनाई है। जांचकर्ताओं ने लगभग 50 से अधिक लोगों से पूछताछ की है। महाधिवक्ता जांच की प्रगति पर अदालत को रिपोर्ट सौंपी। राज्य की ओर से कोर्ट को बताया कि पुलिस घटना की जांच के लिए कई रिपोर्ट्स का इंतजार कर रही है। कोर्ट को यह भी आश्वासन दिया गया कि रिपोर्ट मिलने के बाद जल्द ही आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा। राज्य के आश्वासन के बाद खंडपीठ ने कहा कि अब सीबीआई जांच की कोई आवश्यकता नहीं है।
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दरअसल, कोलकाता पुलिस ने कसबा से फर्जी आईएएस अधिकारी देवांजन देव के अवैध टीकाकरण शिविर में निमोनिया का इंजेक्शन लगाए जाने के मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है। गत 26 जून को देव की गिरफ्तारी के बाद से इस मामले में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके बाद हाई कोर्ट में तीन अलग-अलग याचिकाएं लगाई गई थीं जिसमें आरोप लगाया गया था कि कोलकाता पुलिस की जांच पर्याप्त नहीं है और इसकी सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए। इसके पीछे तर्क दिया गया था कि फर्जी आईएएस अधिकारी के संबंध सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं और मंत्रियों से रहे हैं। इसलिए इस मामले में सच्चाई उजागर होना संभव नहीं है। कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की गई थी।