जोधपुरः High Court ने लिव-इन रिलेशनशिप में रहने से पहले तीन माह की गर्भवती युवती और उसके लिव-इन पार्टनर को पुलिस सुरक्षा देने के आदेश जारी किए हैं। भीलवाड़ा निवासी कुसुमलता जाट और उसके प्रेमी केशव कुमार शर्मा ने एडवोकेट निखिल भंडारी के जरिए राजस्थान हाईकोर्ट में आपराधिक रिट याचिका दायर कर बताया कि उनके बीच गहरा प्रेम संबंध है और इस प्रेम संबंध के चलते कुसुमलता तीन माह की गर्भवती है।
पुलिस अधीक्षक से किया सुरक्षा देने का अनुरोध
इसी कारण दोनों ने आपसी सहमति से भीलवाड़ा में लिव-इन रिलेशनशिप का समझौता कर लिया है और 5 फरवरी से लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं। एडवोकेट निखिल भंडारी ने राजस्थान हाईकोर्ट को बताया कि दोनों प्रेमियों को कुसुमलता के माता-पिता से लगातार जान-माल का खतरा बना हुआ है। उन्होंने भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक से लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे इन प्रेमियों को पुलिस सुरक्षा देने के आदेश जारी करने का अनुरोध किया।
यह भी पढ़ेंः-Amit shah बोले- खिलाड़ियों के लिए संजीवनी बनी खेलो इंडिया
हाईकोर्ट ने युगल के पक्ष में सुनाया फैसला
अधिवक्ता निखिल भंडारी ने हाईकोर्ट के समक्ष यह भी तर्क दिया कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 सभी नागरिकों को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार प्रदान करता है और किसी के द्वारा इसका उल्लंघन व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश फरजंद अली ने लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे प्रेमी युगल कुसुमलता और केशव को पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का आदेश पारित किया।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)