नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने गंभीर रोगों से जूझ रहे बीमारों को राष्ट्रीय आरोग्य निधि का लाभ लेने के लिए राशन कार्ड और आय प्रमाण पत्र दोनों की अनिवार्यता करने के प्रावधान के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र, दिल्ली सरकार और एम्स को नोटिस जारी किया है। जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच ने 31 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
यह याचिका कैंसर से जूझ रही तीस वर्षीय महिला पूनम ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि राष्ट्रीय आरोग्य निधि योजना की धारा 7 में कहा गया है कि इस योजना का लाभ लेने के लिए राशन कार्ड और आय प्रमाण पत्र दोनों जरूरी है लेकिन याचिकाकर्ता को इलाज की सख्त जरूरत होने के बावजूद राशन कार्ड और आय प्रमाण पत्र नहीं है। अगर याचिकाकर्ता को राष्ट्रीय आरोग्य निधि से केवल इस आधार पर वित्तीय मदद नहीं मिलती है कि उसके पास राशन कार्ड नहीं है तो उसकी जान बचायी नहीं जा सकती है।
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याचिका में कहा गया है कि आय प्रमाण पत्र से ही साफ है कि याचिकाकर्ता गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवार की है। ऐसे में उसे राष्ट्रीय आरोग्य निधि से मदद नहीं करना समझ से परे है। ऐसा करना मनमाना और संविधान की धारा 14, 21, 38, 39, 41 और 47 का उल्लंघन है।
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