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ब्लैक फंगस की दवाओं को लेकर हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगी स्टेटस रिपोर्ट

Delhi High Court. (File Photo: IANS)

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को ब्लैक फंगस के इलाज की दवाइयों पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने ब्लैक फंगस की दवा बनाने वाली कंपनियों की वर्तमान उत्पादन क्षमता, उत्पादन करने के लिए कंपनियों को दिए गए लाइसेंस की जानकारी, उनकी वर्तमान क्षमता और बढ़ी हुई क्षमता पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। इस मामले पर अगली सुनवाई 25 मई को होगी।

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वकील राहुल मेहरा ने कहा कि ब्लैक फंगस बढ़ रहा है लेकिन दवाइयां उतनी ही मिल रही हैं जितनी पहले आवंटित की गई थीं। आमतौर पर इसमें सरकार हस्तक्षेप नहीं करती है, लेकिन इनकी दवाइयों की मांग बढ़ने से सरकार को रेगुलेट करना पड़ रहा है। दवाओं की मांग पर फैसला लेने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। ये कमेटी रोजाना दो बार बैठती है और मांग पर विचार करती है, लेकिन ये सब कुछ सप्लाई पर ही निर्भर है।

केंद्र सरकार की ओर से वकील अमित महाजन ने कहा कि ब्लैक फंगस की दवा बनाने वाली दो कंपनियों ने अपना प्रोडक्शन पिछले बीस दिनों में दुगुना किया है। आईसीएमआर की ओर से वकील निधि मोहन पराशर ने कहा कि ब्लैक फंगस के इलाज के लिए 42 खुराक की जरूरत होती है न कि नब्बे। फिलहाल हफ्ते में 8400 खुराक की जरूरत है। दिल्ली को एक लाख खुराक देने के लिए कहा गया है। तब मेहरा ने कहा कि इतनी खुराक की जरूरत पहले दिन नहीं होती है। ये 15 दिनों का आवंटन है। बिना डॉक्टर की सलाह के उसे बंद नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पांच हफ्तों में इसकी मांग एक लाख खुराक की हो जाएगी।

केंद्र सरकार की ओर से वकील कीर्तिमान सिंह ने कहा कि दिल्ली में पिछले 19 मई को ब्लैक फंगस के 197 केस थे। केंद्र सरकार केस लोड के आधार पर दवाई का आवंटन कर रही है। दिल्ली में तीन फीसदी केस हैं। उन्हें 1250 खुराक आवंटित किया गया। आज दो बजे तक पांच-छह सौ खुराक का आवंटन और किया गया। तब कोर्ट ने कहा कि हमें आप पर पूरा भरोसा है कि आप मांग के मुताबिक आनुपातिक तौर पर सप्लाई कर रहे हैं।

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आप ये बताइए कि आप दवाई का उत्पादन बढ़ाने के लिए क्या कर रहे हैं। तब सिंह ने कहा कि हमने दवाई के आयात के लिए कदम उठाया है। सभी संबंधित पक्षों से बात चल रही है। भारत बायोटेक अपनी क्षमता दुगुनी करेगी। तब कोर्ट ने कहा कि केंद्र को मांग और उत्पादन की खाई दूर करनी होगी। आप कह रहे हैं कि 10 हजार खुराक की जरूरत है। आप आनुपातिक रूप से चार हजार दे रहे हैं। ऐसे में तो मरीज मर जाएगा। इसे लेकर कुछ दिशानिर्देश होने चाहिए।