कानपुर हिंसा के बाद यूपी में हाई अलर्ट, जुमे की नमाज को लेकर प्रदेश भर में सुरक्षा कड़ी

नमाज

लखनऊः तीन जून को कानपुर में हुई हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने शुक्रवार की नमाज के लिए सभी जिला पुलिस प्रमुखों को मस्जिदों के आसपास सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश जारी किए है। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ को रोकने के लिए कानपुर और लखनऊ में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू की गई है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि संवेदनशील इलाकों और पूजा स्थलों पर रणनीतिक रूप से पुलिस की तैनाती की गई है।

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प्रशांत कुमार ने कहा कि पुलिस अधिकारी शांति और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए मौलवियों और समूह के अन्य नेताओं के संपर्क में हैं। एडीजी ने कहा कि फिरोजाबाद, शामली, सहारनपुर, मुरादाबाद, आगरा, अयोध्या, वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर और लखनऊ सहित संवेदनशील जिलों में विशेष तैनाती की गई है। एडीजी ने कहा कि प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) की 12 कंपनियां पहले से ही कानपुर में डेरा डाले हुए हैं, जबकि कुछ कंपनियों को संवेदनशील जिलों में भेजा गया है। कानपुर में पीएसी की 12 कंपनियों, तीन अतिरिक्त आईपीएस अधिकारियों और रैपिड एक्शन फोर्स की दो कंपनियों की तैनाती के साथ सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए है।

मेरठ जोन के आठ जिलों में भारी फोर्स तैनात

वहीं उत्तर प्रदेश के मेरठ जोन में जुमे की नमाज को लेकर और भारत बंद की अफवाह को लेकर मेरठ जोन के आठ जिलों में हाई अलर्ट पर है। अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) मेरठ जोन राजीव सभरवाल ने बताया कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुमे की नमाज और भारत बंद की अफवाह को लेकर मेरठ जोन के सभी आठ जिलों के पुलिस अधीक्षकों से बैठक की जा चुकी है। सभी को मेरठ जोन की तरफ से पर्याप्त फोर्स मुहैया करा दी गई है।

जिसमें 12 कंपनी पीएसी और आरएएफ दी गई है। सभी संवेदनशील इलाको मे ड्रोन से निगरानी के आदेश दिए है। सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक फोर्स के साथ सड़कों पर उतरकर शहर और देहात को देखते रहेंगे। उसके बाद भी कोई कानून हाथ में ले तो उसे बख्शा नहीं जाएंगे। तत्काल प्राथमिक दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएगी। साथ ही पूरे घटनाक्रम की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।

उन्होने कहा कि पुलिस को आदेश दिया गया कि लॉउडस्पीकर का प्रयोग कर लोगों को सतर्क करें। कोई भी व्यक्ति दबाव में दुकान या बाजार बंद कराने की कोशिश नहीं करें। जुलूस के रूप में शहर या देहात में निकलने वालों को तत्काल गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। एडीजी ने बताया कि सभी जिलों में पर्याप्त पुलिस बल है। कानून व्यवस्था का पालन पूरी सख्ती से साथ कराया जाएगा।

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