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पोषक तत्वों का भंडार हैं मोटे अनाज, कैंसर से लेकर मधुमेह जैसे रोगों का जोखिम होता है कम

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Health Benefits of Millets, नई दिल्ली: मिलेट्स यानी मोटे आनाज हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ‘सुपरफूड’ से कम नहीं है। इन अनाजों में सामान्य गेहूं से कई गुना अधिक पोषक तत्व होते हैं। यही वजह है कि संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को बाजरा वर्ष घोषित किया है। मिलेट्स को स्वास्थ्य का पॉवर हाउस कहा जाता है। इसमें विटामिन, मिनरल, जिंक और तमाम तरह के पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। मिलेट्स (Millets) यानी मोटे अनाज जैसे- ज्वार, बाजरा, चीना, कोदो, रागी, कंगनी, कुटकी और कुट्टू पोषक तत्वों और फाइबर से भरपूर होते हैं।

Health Benefits of Millets: मोटे अनाज के प्रति जागरूकता बढ़ी

19वीं सदी के मध्य तक आम लोग इन अनाजों का नियमित सेवन करते थे। लेकिन अब इन अनाजों की उपेक्षा की जा रही है। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए काफी प्रयास किए हैं, जिससे एक बार फिर मोटे अनाज के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है। मोटे अनाज के फायदे इतने हैं कि इनका सेवन सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। क्या आप भी इन अनाजों के फायदे जानते हैं? आइए जानते हैं मोटे अनाज के फायदों के बारे में….

Health Benefits of Millets: मोटे अनाज के फायदे

डॉक्टरों ने मोटे अनाज के कई फायदे बताए हैं। डॉक्टरों के अनुसार, “मिलेट्स (Millets) जिसे हम मोटे अनाज के नाम से जानते हैं, दो मुख्य श्रेणियों में विभाजित है। एक है बारीक मिलेट्स और दूसरा है मोटे दाने वाला मिलेट्स। बारीक मिलेट्स में कोदो, चीना, कंगनी, रागी, सांवा, कुटकी जैसे अनाज शामिल हैं।

मोटे अनाज वाले मिलेट्स में बाजरा और ज्वार शामिल हैं। इन अनाजों में भरपूर मात्रा में खाद्य फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इनमें आयरन और कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में होता है, जो खास तौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्हें दूध से कैल्शियम मिलने में दिक्कत होती है।”

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इतना ही नहीं, जिन लोगों को ग्लूटेन एलर्जी है, उन्हें भी इन अनाजों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। मोटे अनाजों में विटामिन ‘बी’ की अच्छी मात्रा पाई जाती है, खास तौर पर बाजरे में बी-3 (नियासिन) विटामिन पाया जाता है, जो ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा को कम करने में मदद करता है। ट्राइग्लिसराइड्स हृदय रोग और हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाते हैं, इसलिए इन अनाजों का सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकता है।

रागी और ज्वार मधुमेह रोगियों के लिए रामबाण

इसके अलावा रागी और ज्वार मधुमेह रोगियों के लिए भी बहुत फायदेमंद हैं, क्योंकि ये शरीर में कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को धीमा करते हैं और इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। इससे रक्त में शर्करा की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ती है, जो टाइप-2 मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद है। उल्लेखनीय है कि मोटे अनाजों की बढ़ती मांग के साथ ही इन अनाजों के विभिन्न उत्पाद भी बाजार में उपलब्ध हो रहे हैं, जो लोगों को स्वस्थ और संतुलित आहार के प्रति प्रेरित कर रहे हैं।

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