लखनऊ। अलग-अलग नाम से फर्जी कम्पनी बनाकर अधिक ब्याज का लालच देकर करोड़ों रूपये की ठगी करने वाले गिरोह का सरगना व 25,000 का पुरस्कार घोषित अभियुक्त को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। शनिवार को एसटीएफ को बीन डिस्ट्रीब्यूशन प्रा.लि. कम्पनी जिवीतम एजेजिंग वर्ल्ड प्रा.लि. व टॉपराइड कैब सर्विस प्रा. लि. आदि कम्पनी बनाकर इसमें निवेश करने पर अधिक ब्याज का लालच देकर करोड़ों रूपये की ठगी करने वाले गिरोह का सरगना बादशाह नगर मेट्रो रेलवे स्टेशन से मथुरा निवासी राहुल शर्मा को पकड़ा लिया।
जमा रकम को दोगुना करने का देता था झांसा
विगत कुछ दिनों से एसटीएफ उत्तर प्रदेश को विभिन्न प्रकार की फर्जी कम्पनी बनाकर उसमें निवेश करने पर अधिक ब्याज का लालच देकर ठगी करने वाले गिरोहों के सम्बन्ध में सूचना प्राप्त हो रही थी। इस मामले का खुलासा करने के लिए यूपी एसटीएफ की विभिन्न टीमों को लगाया था।
लखनऊ में दो तो मथुरा में एक मामला दर्ज था
एसटीएफ को पता चला कि विभिन्न प्रकार की कम्पनी बनाकर उसमें पैसा जमा करने पर अधिक ब्याज का लालच देकर ठगी करने वाले गिरोह के विरुद्ध थाना विभूतिखण्ड व थाना गाजीपुर मामला पंजीकृत है। जिसमें इस गिरोह का राहुल शर्मा उपरोक्त सदस्य वांछित चल रहा है। साथ ही यह भी ज्ञात हुआ कि इसके विरूद्ध मथुरा में भी एक धोखाधड़ी का अभियोग पंजीकृत है, जिसमे इसके गिरफ्तारी हेतु 25 हजार का पुरस्कार भी घोषित है।
बादशाहनगर मेट्रो स्टेशन से गिरफ्तार
लखनऊ में एसटीएफ को राहुल के बारे में और जानकारियां इकट्ठी करने के दौरान शनिवार को खबर मिली कि राहुल शर्मा बादशाहनगर रेलवे स्टेशन के पास मौजूद है। इस सूचना पर एसटीएफ टीम द्वारा उक्त स्थान पर पहुंचकर वांछित अभियुक्त राहुल शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया।
पहले लोगों का जीतता था विश्वास फिर ऐसे लगाता था चूना
गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ में बताया कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर अलग-अलग नाम की कम्पनी बनाई। वह लोगों को इस बात का लालच देता था कि कम्पनी में एक निर्धारित समय के लिए पैसा जमा करने पर प्रति महीने 5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा और निर्धारित समय पूरा होने के बाद जब कस्टमर अपना पैसा निकालेगा तो उसे जमा मूलधन का दोगुना पैसा वापस दिया जायेगा।
जब लोग पैसा जमा करना शुरू करते थे तो उनका विश्वास जीतने के लिए शुरूआत में थोड़ा ब्याज के रूप में पैसा देता था। एक बार जब लोगों का विश्वास अभियुक्त जीत लेता था। जिसे देखते हुए लोग और अधिक पैसा जमा करवाते थे। लेकिन इसके बाद वह उन्हें ब्याज देना बन्द कर देता था। जब लोग पैसा देने का दबाव बनाते थे तो वह उनसे सभी प्रकार से सम्पर्क खत्म कर देता था और कुछ दिनों बाद दूसरे स्थान पर दूसरी कम्पनी खोलकर ठगी का खेल शुरू कर देता था।
रिपोर्ट- पवन सिंह चौहान
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