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मात्र 3 साल की उम्र में माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करेगा हेयांश कुमार, यहां कर रहा रिहर्सल

A view from the top of Mount Everest where a team of six mountaineers led by Colonel Amit Bisht climbed

गुरुग्राम: तीन साल के बालक हेयांश के हौंसले को देखकर कहा जा सकता है कि प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती। हेयांश अपने हौंसले के दम पर ही वह रिकॉर्ड बनाने जा रहा है, जो इस उम्र में शायद ही कोई सोचता हो। वह माउंट ऐवरेस्ट के बेस कैंप तक (5000 मीटर की चढ़ाई) करने वाला हेयांश कुमार दुनिया का सबसे छोटा (कम उम्र) का पर्वतारोही बनेगा।

गुरुग्राम के गांव बाबड़ा बाकीपुर में मध्यमवर्गीय किसान परिवार में जन्मा हेयांश माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप पर चढ़ने को कड़ा परिश्रम कर चुका है। जिस उम्र में बालक गांव की गलियों में, खेतों में मिट्टी में खेलते हैं, उस उम्र में हेयांश पहाड़ों पर चढ़कर रिहर्सल करके स्ट्रांग बना है। तीन साल का हेयांश कुमार दो साल की उम्र से हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों पर पर्वतारोहण का अभ्यास कर चुका है। जिस तरह से उसके हौंसले बुलंद है। हेयांश को लेकर काठमांडू (नेपाल) से सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी है। उसके कोच पर्वतारोही नरेन्द्र सिंह हैं।

हेयांश नहीं जानता क्या होता है जंक फूड

हेयांश के पिता मंजीत कुमार बताते हैं कि जब वह मां के गर्भ में था, तभी से उन्होंने तय किया था कि बेटा पैदा हो या बेटी, उसे बहुत ही स्ट्रांग बनाएंगे। उसी हिसाब से उसकी मां को खान-पान दिया गया। जब हेयांश पैदा हुआ तो उसे भी खाने में विशेष चीजें दी गई। जंक फूड आदि से उसे दूर रखा गया।

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बोधराज सीकरी व मैनकाइंड फार्मा ने बढ़ाया कदम

हेयांश को इस कीर्तिमान में सहायता देने के लिए सीएसआर ट्रस्ट हरियाणा के उपाध्यक्ष बोधराज सीकरी और मैनकाइंड फार्मा लिमिटेड कंपनी ने कदम बढ़ाया है। बोधराज सीकरी कहते हैं कि प्रतिभा को कभी मरने नहीं देना चाहिए। प्रतिभा चाहे तीन साल के बालक में हो या 100 साल के बुजुर्ग में, उसको अगर हम सहारा देते हैं तो वह देश-दुनिया में नाम कमा सकता है। हेयांश के हौंसले देखकर उन्हें उम्मीद है कि वह माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के सपने को हकीकत में बदल देगा।

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