लखनऊः हाथरस कांड को भले ही एक साल का समय बीत गया हो, लेकिन उसका परिवार आज भी न्याय की बाट देख रहा है। हाथरस कांड के बाद सरकार की खूब किरकिरी हुई थी। राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार को जल्द ही इंसाफ दिलाने के साथ ही मकान और घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था। वहीं विपक्ष ने भी इस मुद्दे को उठाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी, लेकिन इन सबके बावजूद भी पीड़ित परिवार को अभी तक न तो न्याय ही मिला और न ही राज्य सरकार की तरफ से किये गये कोई वायदे ही पूरे हुए। इस मामले में न्यायालय में सुनवाई अभी भी जारी है और उम्मीद है कि पीड़ित परिवार को जल्द ही न्याय मिले। वहीं पीड़ित परिवार सीआरपीएफ के जवानों की सुरक्षा मिलने से खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
क्या था हाथरस कांड
प्रदेश के हाथरस जनपद के बूलगढ़ी गांव में दलित युवती के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुराचार के बाद उससे मारपीट की गयी। गंभीर हालत में युवती को दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसकी मौत हो गयी थी। वहीं पुलिस ने पीड़िता के परिजनों की गैरमौजूदगी में युवती का रातों-रात अंतिम संस्कार भी कर दिया। इसके बाद यह घटना जंगल में आग की तरह फैल गयी है और सरकार पर सवाल उठने लगे। विपक्ष ने इस मुद्दे पर सड़क से लेकर सदन तक सरकार को खूब घेरा। इस मामले के चार आरोपी संदीप, रवि, रामू और लवकुश अलीगढ़ जेल में हैं।
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वहीं राज्य सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की थी। 11 अक्टूबर से शुरू हुई सीबीआई जांच में पीड़ित और आरोपियों के परिजन समेत 50 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गयी। सीन री-क्रिएशन भी किया गया। सीबीआई ने जांच-पड़ताल के बाद चारों आरोपी संदीप, रवि, रामू, लवकुश के खिलाफ विशेष न्यायालय एससी-एसटी में आरोप पत्र दाखिल किया। न्यायालय ने भी आरोप तय कर दिए थे। अब सजा के बिंदु पर सुनवाई चल रही है। हाथरस कांड में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए दिल्ली के निर्भया केस की वकील सीमा कुशवाहा इस केस में पीड़ित पक्ष की पैरवी कर रही हैं।
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