Lucknow Protest on Hassan Nasrallah Death, लखनऊ: हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत के बाद मंगलवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शिया समुदाय के लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर विरोध जताया। दरअसल, हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत के बाद देश के कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। लखनऊ में भी इस घटना के तीसरे दिन शिया समुदाय के लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर विरोध जताया। इसमें बड़ी संख्या में शिया समुदाय के लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने इजराइल मुर्दाबाद के नारे लगाए।
छोटे इमामबाड़े से बड़े इमामबाड़े तक निकाला गया मार्च
लखनऊ में छोटे इमामबाड़े से बड़े इमामबाड़े तक विरोध मार्च निकाला गया। ‘ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड’ के महासचिव मौलाना यासूब ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में हिजबुल्लाह के सैयद हसन नसरल्लाह की तस्वीर लेकर जिंदाबाद के नारे लगाए और उनकी मौत पर शोक जताया। विरोध प्रदर्शन में मुस्लिम समुदाय की महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब ने कहा कि वे पिछले तीन दिनों से काला दिवस मना रहे हैं। हसन नसरल्ला शिया समुदाय के एक मजबूत नेता और मार्गदर्शक थे। नसरल्ला ने शिया समुदाय और मानवता के लिए कई महान कार्य किए हैं। उन्होंने आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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इजरायल के हमले में मारा गया हिजबुल्लाह चीफ
बता दें कि नसरल्ला 1992 में 30 साल की उम्र में हिजबुल्लाह के महासचिव बने थे। अगले 32 सालों में उन्होंने हिजबुल्लाह को न केवल लेबनान बल्कि मध्य पूर्व में भी एक बड़ी ताकत बना दिया। वह इजरायल का दुश्मन नंबर एक बन गया। आखिरकार शुक्रवार को यहूदी राष्ट्र अपने सबसे बड़े दुश्मन को खत्म करने में सफल रहा। इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने 27 सितंबर की देर रात बेरूत के दक्षिणी उपनगर दहिएह में हिजबुल्लाह मुख्यालय पर हमला किया, जिसमें नसरल्ला मारा गया।