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दो राइस मिलों ने किया करोड़ों रुपये के सरकारी चावल का गबन, मैनेजर ने ऐसे किया खुलासा

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फतेहाबादः जिले की दो राइस मिलों के प्रबंधनों के खिलाफ करोड़ों रुपये के सरकारी चावल के गबन का मामला सामने आया है। दोनों मामलों में पुलिस ने रविवार को वेयरहाउस भट्टू के प्रबंधक की शिकायत पर केस दर्ज किया है। पहले मामले में जाखल पुलिस ने मैसर्स एसएस जस इंडस्ट्रीज नथुवाल के दो पार्टनर जसलीन मित्तल निवासी मॉडल टाउन टोहाना व शैलेंद्र निवासी कन्हड़ी के खिलाफ केस दर्ज किया है।

प्रबंधक ने दोनों पार्टनर्स पर लगाए आरोप

पुलिस को दी शिकायत में वेयरहाउस मैनेजर राकेश कुमार ने कहा है कि डीएमसी ने गांव नथुवाल स्थित राइस मिल मैसर्स एसएस जस एग्रो इंडस्ट्रीज को खरीफ सीजन 2023-24 के लिए हरियाणा स्टेट वेयरहाउस को अलॉट किया था। इसके बाद सीएमआर को लेकर मिल के साथ एग्रीमेंट हुआ था। वेयरहाउस की ओर से मिल को सीएमआर के लिए 2969.925 मीट्रिक टन धान अलॉट किया गया था। इसमें से 1501.977 मीट्रिक टन धान मिलिंग के बाद एफसीआई को दिया जा चुका है।

प्रबंधक ने बताया कि इसके बाद जब उन्होंने 24 सितंबर को मिल का भौतिक सत्यापन किया तो मिल में 727.925 मीट्रिक टन धान कम पाया गया। प्रबंधक ने आरोप लगाया कि उक्त मिल के दोनों साझेदारों ने सरकारी धान का गबन किया है, जिसके चलते मिल परिसर में सरकारी स्टॉक कम मिला। इस धान की कीमत करीब 2 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस मामले में पुलिस ने राइस मिल के दोनों साझेदारों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

भूथनकलां मिल में 6 करोड़ का गबन

दूसरे मामले में गांव भूथनकलां कलां स्थित राइस मिल में हरियाणा स्टेट वेयर हाउस कॉरपोरेशन का 6 करोड़ रुपये का धान गबन होने की खबर है। पुलिस ने मैसर्स तिरुपति एग्रो के मालिक फरीदाबाद निवासी जयवीर के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस को दी शिकायत में वेयरहाउस मैनेजर राकेश कुमार ने बताया है कि गांव भूथनकलां स्थित राइस मिल तिरुपति एग्रो को डीएमसी द्वारा खरीफ सीजन 2023-24 के दौरान हरियाणा स्टेट वेयर हाउस को अलॉट किया गया था। इसके बाद सीएमआर को लेकर मिल के साथ एग्रीमेंट हुआ था। वेयरहाउस ने मिल को सीएमआर के लिए 4796.550 मीट्रिक टन धान अलॉट किया था। इसमें से 2414 मीट्रिक टन धान मिलिंग के बाद एफसीआई को दिया जा चुका है।

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मैनेजर ने बताया कि इसके बाद जब उन्होंने 24 सितंबर को मिल का फिजिकल वेरिफिकेशन किया तो मिल में 2382.550 मीट्रिक टन धान कम पाया गया। मैनेजर ने आरोप लगाया कि उक्त मिल के मालिक ने सरकारी धान के साथ धोखाधड़ी की है। इस धान की कीमत करीब 6 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस मामले में पुलिस ने राइस मिल मालिक के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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