Haryana, यमुनानगर: देश के विभिन्न राज्यों में ईसाई समुदाय पर आरएसएस व उससे संबंधित संगठनों द्वारा किए जा रहे अत्याचारों व उनके धार्मिक स्थलों पर की जा रही तोड़फोड़ के विरोध में बड़ी संख्या में समुदाय के लोगों ने लघु सचिवालय पर एकत्रित होकर जिला उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
Haryana: झूठे प्रचार का लगाया आरोप
गुरुवार को ईसाई समुदाय के लोगों ने लघु सचिवालय पर एकत्रित होकर विभिन्न राज्यों में ईसाई समुदाय पर किए जा रहे अत्याचारों व उनके धार्मिक स्थलों पर की जा रही तोड़फोड़ व झूठे प्रचार के माध्यम से उनके निजी जीवन को नुकसान पहुंचाने के विरोध में जिला उपायुक्त को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
ईसाई समुदाय के लोगों ने कहा कि पुलिस द्वारा इन अपराधों का संज्ञान लेने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। बल्कि पीड़ित पक्ष के खिलाफ ही मामले दर्ज किए जा रहे हैं। न्यायिक स्थिति ठीक नहीं है। इन पीड़ितों को न्याय नहीं मिल रहा है। मूल निवासियों की आवाज को दबाया जा रहा है। साथ ही धार्मिक आधार पर मौलिक अधिकारों का पूरी तरह से हनन किया जा रहा है।
कई राज्यों में हुईं हिंसक घटनाएं
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले सहित अन्य राज्यों के बहुसंख्यक आबादी वाले क्षेत्रों में आरएसएस द्वारा गठित इकाई जनजातीय सुरक्षा मंच यह दुष्प्रचार कर रही है कि ईसाई धर्म को मानने वाले आदिवासियों को आरक्षण के तहत मिलने वाली नौकरियों से निकाल दिया जाना चाहिए। आंकड़े बताते हैं कि आदिवासियों का उत्थान ईसाई मशीनरी द्वारा किया जा रहा है। जबकि आरएसएस आदिवासियों को हिंदू के नाम पर धार्मिक गुलाम बना रहा है।
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जबकि उन्होंने आदिवासियों के जीवन के उत्थान के लिए कुछ नहीं किया है। जनजातीय सुरक्षा मंच आदिवासियों को बांटकर लड़ाई-झगड़ा करवाता है और नफरत फैलाता है। इसी तरह राजस्थान के बांसवाड़ा, ओडिशा के भुवनेश्वर और छत्तीसगढ़ के बिलासपुर और राजगढ़, हरियाणा के अंबाला में कई घटनाएं घटित हो चुकी हैं। इसी तरह देश के विभिन्न राज्यों में भी योजनाबद्ध तरीके से ऐसा किया जा रहा है और सरकार में बैठे लोग इसमें शामिल हैं। उन्होंने साजिश के तहत इस तरह से ईसाई धर्म पर हमला करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
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