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Haryana Elections 2024: बागियों ने बढ़ाई भाजपा की टेंशन, इन सीटों पर BJP का अपनों से ही मुकाबला

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Haryana Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख 12 सितंबर थी। इस बार टिकट बंटवारे में भारतीय जनता पार्टी (भापजा) और कांग्रेस दोनों को ही काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बीजेपी जहां 10 साल से सत्ता में है और तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश में है, वहीं कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाकर अपने एक दशक के राजनीतिक वनवास को खत्म करना चाहती है।

भाजपा ने नामांकन के आखिरी दिन महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट से रामबिलास शर्मा को नामांकन वापस लेने के लिए मना लिया। रामबिलास शर्मा ने बेहद भावुक माहौल में नामांकन वापस लेने का ऐलान किया। इस दौरान उन्होंने भावुक मन से कहा कि मेरे जीवन के सिर्फ 10-15 साल बचे हैं। अब मैं पार्टी के झंडे में लिपटकर मरना चाहता हूं। मैं पार्टी से अलग नहीं होना चाहता। लेकिन रामबिलास शर्मा के अलावा भाजपा किसी अन्य नेता को मना नहीं पाई।

इन पर बागियों ने बढ़ाई भाजपा की टेंशन

बता दें कि भाजपा को पानीपत-सोनीपत से लेकर हिसार और फरीदाबाद तक बगावत का सामना करना पड़ रहा है। इन सभी सीटों पर बागी मुकाबले में बने रहने पर अड़े हैं। इन नेताओं में देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल भी शामिल हैं। वे हिसार सीट से मैदान में हैं और भाजपा के कमल गुप्ता की टेंशन बढ़ा रही हैं। इसके अलावा पूर्व मंत्री कविता जैन सोनीपत से चुनावी मैदान में हैं। वहीं पानीपत से हिमांशु शर्मा और महम सीट से शमशेर खरखरा जैसे नेता भी भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं।

इसके अलावा अटेली विधानसभा सीट पर भी भाजपा को चुनौती मिली है, यहां संतोष यादव ने बगावत कर दी है। वे प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष भी हैं। हथीन से केहर सिंह रावत चुनाव लड़ने पर अड़े हुए हैं, जबकि दीपक डार भी पृथला सीट से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। वहीं फरीदाबाद विधानसभा सीट से नागेंद्र भड़ाना मैदान में रहेंगे।

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इन सभी नेताओं ने भाजपा से टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन जब उन्हें मौका नहीं मिला तो उन्होंने बगावत कर दी। इसके अलावा सिरसा में भी भाजपा को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। यहां भाजपा ने गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी को साथ नहीं लिया और अब वह इंडियन नेशनल लोकदल के साथ चले गए है।

बागियों को मनाने जुटी भाजपा

हरियाणा में पांच अक्टूबर को मतदान होना है। इस तरह चुनाव में अब सिर्फ 21 दिन बचे हैं और भाजपा को कांग्रेस से मुकाबला करने के अलावा अपने बागियों से भी निपटना होगा। भाजपा ने यह चुनाव अकेले लड़ा है और किसी से गठबंधन नहीं कर पाई। करीब साढ़े 4 साल तक सरकार में रही जननायक जनता पार्टी अब अलग हो गई है।

इस तरह भाजपा न सिर्फ चुनाव में अकेली है, बल्कि बागी भी उसके लिए खूब टेंशन पैदा करने में जुटे हैं। फिलहाल भाजपा सूत्रों का कहना है कि 16 सितंबर नामांकन वापसी की आखिरी तारीख है और भाजपा रामबिलास शर्मा जैसे कुछ और बागियों को मनाने की कोशिश कर रही है।

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