हरिद्वार (Haridwar): हर की पैड़ी के पास स्थित मनसा देवी मंदिर की क्षतिग्रस्त पहाड़ियों का मरम्मत कार्य तेज हो गया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर राजाजी पार्क प्रशासन और सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने क्षतिग्रस्त पहाड़ियों का निरीक्षण किया।
पहले चरण में हिल बाइपास मार्ग, रेलवे लाइन और पहाड़ी के नीचे आबादी वाले इलाकों में रिटेनिंग वॉल और नालों पर चेक डैम बनाए जाएंगे। दूसरे चरण में उत्तराखंड भूस्खलन प्रबंधन केंद्र की कार्ययोजना पर काम शुरू होगा।
रिटेनिंग वॉल व चेक डैम जैसे कार्य चिह्नित
जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल के निर्देश पर उत्तराखंड सिंचाई विभाग एवं राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की संयुक्त टीम ने भूस्खलन रोकने के लिए अल्प अवधि में किये जाने वाले कार्यों को चिन्हित किया। इस दौरान टीम ने मौके पर अल्पकालीन कार्य जैसे रिटेनिंग वॉल, चेक डैम, नालियां व नालियां आदि का निर्माण कार्य चिन्हित किया। हिल बाईपास की रिटेनिंग वॉल व चेक डैम जैसे कार्य चिह्नित किये गये। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आगामी बरसात के मौसम में निचली आबादी और रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त न हों, सड़क किनारे नालियों की पहचान की गई है। दीर्घकालिक कार्य के लिए डीपीआर उत्तराखंड भूस्खलन प्रबंधन एवं न्यूनीकरण केंद्र बना रहा है।
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भूस्खलन से हर साल होता है नुकसान
गौरतलब है कि पिछले मानसून में भारी बारिश के कारण मनसा देवी की पहाड़ियों पर भीषण भूस्खलन हुआ था। भूस्खलन के कारण हिल बाईपास मार्ग बंद हो गया है। मनसा देवी पर्वत से भूस्खलन के कारण हर साल निचले इलाके की एक बड़ी आबादी को नुकसान होता है। पहाड़ का मलबा लोगों के घरों तक पहुंच जाता है। ब्रह्मपुरी, भूरे की खोल, भीमगोड़ा, खड़खड़ी, मनसा देवी मंदिर पैदल मार्ग, अपर रोड, सब्जी मंडी आदि क्षेत्रों में पहाड़ों का मलबा आता है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।
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