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हरिद्वारः बुद्ध पूर्णिमा पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगायी आस्था की डुुबकी

Haridwar
Buddha Purnima

हरिद्वारः बुद्ध पूर्णिमा ( Buddha Purnima ) पर्व पर सोमवार को गंगा स्नान करने के लिए हरिद्वार में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। तड़के से ही हरकी पैड़ी समेत हरिद्वार के तमाम घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ स्नान के लिए जुटनी शुरू हो गई थी। देश भर से आये लाखों श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी ब्रह्मकुण्ड के साथ गंगा के विभिन्न घाटों पर आस्था की डुबकी लगा पुण्य अर्जित किया। माना जाता है कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन गंगा में स्नान करने से हजारों गुना अधिक पुण्य फल मिलता है।

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यूं तो हरिद्वार में प्रतिदिन गंगा स्नान का अपना महत्व है। लेकिन बुद्ध पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने से माना जाता है कि विशेष पुण्य फल मिलता है। बुद्ध पूर्णिमा ( Buddha Purnima ) के मौके पर गंगा स्नान करने के लिए हरिद्वार में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पुलिस द्वारा सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। तन को झुलसा देने वाली भीषण गर्मी में आस्था की डुबकी लगाकर श्रद्धालु पुण्य अर्जित किया।

स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने देव दर्शन करने के साथ दान पुण्य आदि कर्म भी किए। बुद्ध पूर्णिमा ( Buddha Purnima ) पर जहां लोगों ने गंगा स्नान कर पुण्य अर्जित किया वहीं तीर्थनगरी के मठ-मंदिरों, आश्रम-अखाड़ों में भी विशेष अनुष्ठानों का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए। बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है। पूरे मेला क्षेत्र को 6 जोन 18 सेक्टरों में बांटा था। साथ ही जाम की स्थिति शहर में ना बने इसके लिए हरिद्वार में भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित किया गया है। इसी के साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था का अलग से प्लान बनाकर लागू किया गया था।

हालांकि रविवार को भारी भीड़ तीर्थनगरी पहुंच चुकी थी, जिस कारण से पूरे दिन तीर्थनगरी जाम की गिरफ्त में रही। जाम का आलम यह था कि एक किलोमीटर का सफर तय करने के लिए करीब एक घंटे का समय लगा। भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने यातायात प्लान लागू किया और भारी वाहनों के प्रवेश को निषेध कर दिया गया। इस कारण से आज जाम की स्थिति में सुधार देखा गया। भीषण गर्मी के साथ जाम में फंसने से लोगों खासकर बच्चों और बुजुर्गों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। भीड़ के कारण तीर्थनगरी के होटल, आश्रम-अखाड़ों आदि सब फुल हो चुके हैं।

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