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Gwalior: राज्यपाल पटेल ने बंधी से बंधु तक कार्यक्रम का किया शुभारंभ, शिक्षा को लेकर कही ये बात

ग्वालियर: राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने शनिवार को सेंट्रल जेल के कैदियों को शिक्षा के सुलभ साधन उपलब्ध कराने के लिए ग्वालियर में जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित “बंधी से बंधु तक” कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रगति की पहली सीढ़ी है. वह मन के द्वार खोलती है, व्यक्ति को समाज में अच्छा व्यवहार करने के लिए प्रेरित करती है।

राज्यपाल पटेल ने सेंट्रल जेल ग्वालियर में “बंदी से बंधु” कार्यक्रम में कहा कि जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा कैदियों के लिए शुरू किया गया यह कार्य सराहनीय है। कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक जेल राजेश चावला, संभागायुक्त दीपक सिंह, आईजी सुशांत सक्सैना, जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी, कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल सहित जेल विभाग के अधिकारी एवं कैदी उपस्थित थे। राज्यपाल पटेल ने कहा कि शिक्षा सबसे प्रभावी माध्यम है। क्योंकि जिंदगी के प्रति नजरिया बदलकर कैदियों को वापस सही रास्ते पर लाया जा सकता है. शिक्षा अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों को भी विकसित करके एक अच्छा नागरिक बनाती है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को निराशा की भावना त्यागकर आशावादी बनकर समाज की मुख्य धारा से जुड़कर परिवार, समाज एवं राष्ट्र के निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा कैदियों के लिए प्रारंभ किये गये कार्यक्रम के माध्यम से चिकित्सा, सुगंधित पौधों की खेती, फैशन डिजाइनिंग, ग्रामीण पत्रकारिता, जनसंचार, वैदिक गणित और फलित ज्योतिष आदि में सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किये गये हैं। यह एक सराहनीय प्रयास है। पुलिस महानिदेशक, जेल, राजेश चावला ने इस अवसर पर कहा कि जीवाजी यूनिवर्सिटी, ग्वालियर द्वारा सेंट्रल जेल में बंदी से बंधु कार्यक्रम शुरू किया गया है, यह एक सराहनीय प्रयास है। इससे जेल के कैदियों को शिक्षा मिलेगी और वे सकारात्मक विचारों के साथ फिर से समाज की मुख्य धारा में शामिल हो सकेंगे।

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उन्होंने कहा कि पहले यह धारणा थी कि अगर वह जेल से लौटेंगे तो खराब होकर लौटेंगे। मध्य प्रदेश ने उस धारणा को पूरी तरह से बदल दिया है। कैदियों के लिए जेल में कई औद्योगिक इकाइयां शुरू की गई हैं। कैदियों के अच्छे आचरण एवं व्यवहार के लिए पैरोल की भी व्यवस्था की गई है। मध्य प्रदेश देश का दूसरा राज्य है जहां स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती के मौके पर कैदियों को रिहा करने का काम भी किया जाता है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की जेलों में कैदियों को बेहतर इंसान बनाने का काम किया जा रहा है।

राज्यपाल ने बंदियों द्वारा तैयार की गई सामग्री का अवलोकन किया

कार्यक्रम के बाद राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने ग्वालियर सेंट्रल जेल में कैदियों द्वारा तैयार की गई विभिन्न सामग्रियों का अवलोकन भी किया. इसमें गलीचे, कालीन और अन्य सामग्रियां शामिल हैं। जेल में कैदियों द्वारा एक नर्सरी का भी निर्माण किया गया है. राज्यपाल ने बंदियों द्वारा तैयार सामग्री का अवलोकन किया और उसकी सराहना की। इस अवसर पर राज्यपाल पटेल ने वयोवृद्ध कैदी का शॉल-श्रीफल से सम्मान भी किया।

बंदियों को शिक्षा किट प्रदान की गई

राज्यपाल पटेल ने बंदियों को जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा प्रारंभ किये गये पाठ्यक्रमों के किट भी प्रदान किये। उन्होंने कैदियों से कहा कि वे खूब मेहनत से पढ़ाई करें और एक अच्छे इंसान बनकर समाज की मुख्य धारा से जुड़ें और अपने परिवार, समाज और देश के विकास में अपनी अहम भूमिका निभाएं।

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